शिक्षामित्रों के लिए सीएम से की गईं पांच मांगें, योगी बोले- सरकार आप के साथ
शिक्षामित्रों को समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला और उनके सामने पांच सूत्रीय मांगे रखी।
प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी के सामने शिक्षामित्रों की मुश्किलों को बताते हुए उन्हें सहायक अध्यापक बनाकर रोजगार देने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने ये पांच मांगे रखी-
1-केंद्र सरकार से संविधान में संशोधन करा कर नया अध्यादेश लाकर 1,72,000 शिक्षामित्रो/समायोजित शिक्षक को सहायक अध्यापक बनाकर उन्हें रोजगार प्रदान करें।
2-सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुन:विचार याचिका डाले।
3- सरकार विदारी जो भी निर्णय लिया जायेगा वह सभी शिक्षामित्रों को दृष्टिगत लेते हुए लिया जायेग।
4- यदि सरकार समायोजित सहायक अध्यापकों को शिक्षामित्र पद पर वापस भेजता है तो सभी शिक्षामित्रों के समान सारी सुविधायें व अधिकार दिये जायें।
5- जिन शिक्षामित्रों की असामयिक मृत्यु हो गयी है उन्हें मुआवजा व उनके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जान जिससे उनका जीविकोपार्जन हो सके।
सीएम बोले- जो भी हो सकेगा हम करेंगे
वहीं, सीएम योगी ने आश्वासन दिलाया कि इस मामले पर सरकार से जो भी हो सकेगा वो करेंगे। उन्होंने अगले तीन चार दिनों में निर्णय लेने का निर्देश जारी किया। कुल मिलाकर इस मुद्दे पर सीएम से वार्ता सकारात्मक रही।
इसके पहले भी यूपी सरकार ने मामले में हल निकालने का भरोसा दिलाया था। इसके बाद ही शिक्षामित्र आंदोलन खत्म करने पर राजी हुए थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को जारी रखते हुए शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था।
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शिक्षामित्रों को समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला और उनके सामने पांच सूत्रीय मांगे रखी।
प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी के सामने शिक्षामित्रों की मुश्किलों को बताते हुए उन्हें सहायक अध्यापक बनाकर रोजगार देने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने ये पांच मांगे रखी-
1-केंद्र सरकार से संविधान में संशोधन करा कर नया अध्यादेश लाकर 1,72,000 शिक्षामित्रो/समायोजित शिक्षक को सहायक अध्यापक बनाकर उन्हें रोजगार प्रदान करें।
2-सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुन:विचार याचिका डाले।
3- सरकार विदारी जो भी निर्णय लिया जायेगा वह सभी शिक्षामित्रों को दृष्टिगत लेते हुए लिया जायेग।
4- यदि सरकार समायोजित सहायक अध्यापकों को शिक्षामित्र पद पर वापस भेजता है तो सभी शिक्षामित्रों के समान सारी सुविधायें व अधिकार दिये जायें।
5- जिन शिक्षामित्रों की असामयिक मृत्यु हो गयी है उन्हें मुआवजा व उनके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जान जिससे उनका जीविकोपार्जन हो सके।
सीएम बोले- जो भी हो सकेगा हम करेंगे
वहीं, सीएम योगी ने आश्वासन दिलाया कि इस मामले पर सरकार से जो भी हो सकेगा वो करेंगे। उन्होंने अगले तीन चार दिनों में निर्णय लेने का निर्देश जारी किया। कुल मिलाकर इस मुद्दे पर सीएम से वार्ता सकारात्मक रही।
इसके पहले भी यूपी सरकार ने मामले में हल निकालने का भरोसा दिलाया था। इसके बाद ही शिक्षामित्र आंदोलन खत्म करने पर राजी हुए थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को जारी रखते हुए शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था।
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