25 से अधिक सांसदों ने शिक्षामित्रों के समर्थन में पीएम को लिखा पत्र : जितेंद्र शाही

समयोजन रद् होने के बाद यूपी से दिल्ली तक आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों पर भी शासन ने दबाव बढ़ा दिया है। सभी बीएसए को स्कूलों में शिक्षामित्रों की उपस्थिति का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
आगे उपस्थिति के आधार पर ही मानदेय के भुगतान के निर्देश जारी किए गए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 1.65 लाख से अधिक शिक्षामित्र पढ़ा रहे हैं। इनमें से 1.37 लाख का सहायक शिक्षक के पद पर समायोजन हुआ था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया था। फिलहाल शासन के पास जो जानकारी आई है उसके अनुसार करीब 45 फीसदी शिक्षामित्र स्कूलों से गायब हैं। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा आरपी सिंह का कहना है कि अगर शिक्षामित्र विद्यालयों में नहीं लौटते हैं तो उनकी संविदा समाप्त कर सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानदेय पर रखा जाएगा। दूसरी ओर शिक्षामित्र संगठनों ने इसे घुड़की करार दिया है। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही का कहना है कि पचीस से अधिक सांसदों ने हमारे समर्थन में पीएम को पत्र लिखा है। हम अपर मुख्य सचिव की धमकी से डरने वाले नहीं है। 22 सितंबर को बनारस में पीएम से मिलकर उन्हें सच्चाई बताएंगे।
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