जागरण संवाददाता, पीलीभीत : सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ आदर्श
समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन से संबद्ध शिक्षामित्रों ने जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारी कार्यालय में धरना देकर प्रदर्शन किया। सरकार पर धोखा देने
का आरोप लगाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित शिक्षकों का समायोजन रद कर दिया था। इसके बाद सभी समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र हो गए। इस पर शिक्षामित्र संगठनों ने जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज को बुलंद किया, लेकिन कोई निराकरण नहीं हो सका। दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर विरोध जताया था। शनिवार को आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेंद्रपाल वर्मा के नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने कई दौर की वार्ता के बाद भी शिक्षामित्रों की समस्याओं को निस्तारित करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। इस वजह से प्रदेश के करीब सौ शिक्षामित्र की हृदयाघात, आत्महत्या, ब्रेनहैमरेज के कारण मौत हो चुकी है। एक माह 21 दिन में भी सरकार कोई हल नहीं खोज पाई। समान कार्य समान वेतन की दिशा में कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से प्रस्ताव बनाकर भेजवाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। जब तक लिखित सकारात्मक जवाब नहीं मिलता, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। कल होने वाले पोलियो कार्य बहिष्कार किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्र सुमनबाला बेहोश हो गई, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज में देरी को लेकर शिक्षामित्रों ने अस्पताल में जोरदार हंगामा भी किया गया। धरना देने वालों में जगदीश प्रसाद, मंशाराम, अमरदीप, कांता प्रसाद, रामेश्वर दयाल, राम नरेश पांडेय, नरोत्तम ¨सह, राजेंद्र पटेल, राजपाल, विजय शर्मा, कमलेश, पूनम, विमला, भानु प्रताप, हरिओम गंगवार आदि मौजूद रहे।
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सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित शिक्षकों का समायोजन रद कर दिया था। इसके बाद सभी समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र हो गए। इस पर शिक्षामित्र संगठनों ने जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज को बुलंद किया, लेकिन कोई निराकरण नहीं हो सका। दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर विरोध जताया था। शनिवार को आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेंद्रपाल वर्मा के नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने कई दौर की वार्ता के बाद भी शिक्षामित्रों की समस्याओं को निस्तारित करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। इस वजह से प्रदेश के करीब सौ शिक्षामित्र की हृदयाघात, आत्महत्या, ब्रेनहैमरेज के कारण मौत हो चुकी है। एक माह 21 दिन में भी सरकार कोई हल नहीं खोज पाई। समान कार्य समान वेतन की दिशा में कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से प्रस्ताव बनाकर भेजवाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। जब तक लिखित सकारात्मक जवाब नहीं मिलता, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। कल होने वाले पोलियो कार्य बहिष्कार किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्र सुमनबाला बेहोश हो गई, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज में देरी को लेकर शिक्षामित्रों ने अस्पताल में जोरदार हंगामा भी किया गया। धरना देने वालों में जगदीश प्रसाद, मंशाराम, अमरदीप, कांता प्रसाद, रामेश्वर दयाल, राम नरेश पांडेय, नरोत्तम ¨सह, राजेंद्र पटेल, राजपाल, विजय शर्मा, कमलेश, पूनम, विमला, भानु प्रताप, हरिओम गंगवार आदि मौजूद रहे।
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