जागरण संवाददाता, बदायूं : डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से सत्र
2004-2005 में बीएड करने वाले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का डाटा जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एकत्र किया जाएगा।
खंड शिक्षा अधिकारियों से इस सत्र में बीएड करने वाले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की जानकारी मांगी गई थी। जिसके लिए दो दिन का समय दिया गया था और कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी किसी भी खंड शिक्षा अधिकारी ने सूचना उपलब्ध नहीं कराई है, जबकि 11 नवंबर तक कार्रवाई करके शासन को सूचना दी जानी है।
आगरा विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों के खिलाफ शिकायत होने के बाद एसआइटी ने जांच की और तकरीबन साढ़े चार हजार फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची बेसिक शिक्षा विभाग को दी। जिसके आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन दिन विभिन्न पहलुओं पर जांच की। जिसमें 88 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाएं मिले। जिनकी सूची बनाकर बेसिक शिक्षा सचिव व सहायक शिक्षा निदेशक को भेजी गई। इन फर्जी का पूरा डाटा खंगालने की तैयारी शुरु हुई। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के अंतर्गत जिले के बाहर गए शिक्षक-शिक्षिकाओं का ब्यौरा भी एकत्र किया जा रहा है। ¨चहित किए गए फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा इस सत्र में बीएड करने वाले अन्य का भी डाटा मांगा गया है। उनका नाम व विद्यालय का ब्यौरा देना होगा। उनके प्रमाण पत्रों की भी सही प्रकार से जांच होगी। डाटा मुहैया कराने के लिए बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दो दिन का समय दिया था, इसके बाद भी लापरवाही बरती गई। किसी ने भी डाटा नहीं दिया है। 11 नवंबर तक शासन को निस्तारण की रिपोर्ट भेजनी है। जिसकी चलते समस्या आ सकती है। खंड शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि गंगा स्नान का अवकाश होने की वजह से परेशानी है।
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खंड शिक्षा अधिकारियों से इस सत्र में बीएड करने वाले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की जानकारी मांगी गई थी। जिसके लिए दो दिन का समय दिया गया था और कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी किसी भी खंड शिक्षा अधिकारी ने सूचना उपलब्ध नहीं कराई है, जबकि 11 नवंबर तक कार्रवाई करके शासन को सूचना दी जानी है।
आगरा विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों के खिलाफ शिकायत होने के बाद एसआइटी ने जांच की और तकरीबन साढ़े चार हजार फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची बेसिक शिक्षा विभाग को दी। जिसके आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन दिन विभिन्न पहलुओं पर जांच की। जिसमें 88 फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाएं मिले। जिनकी सूची बनाकर बेसिक शिक्षा सचिव व सहायक शिक्षा निदेशक को भेजी गई। इन फर्जी का पूरा डाटा खंगालने की तैयारी शुरु हुई। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के अंतर्गत जिले के बाहर गए शिक्षक-शिक्षिकाओं का ब्यौरा भी एकत्र किया जा रहा है। ¨चहित किए गए फर्जी शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा इस सत्र में बीएड करने वाले अन्य का भी डाटा मांगा गया है। उनका नाम व विद्यालय का ब्यौरा देना होगा। उनके प्रमाण पत्रों की भी सही प्रकार से जांच होगी। डाटा मुहैया कराने के लिए बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दो दिन का समय दिया था, इसके बाद भी लापरवाही बरती गई। किसी ने भी डाटा नहीं दिया है। 11 नवंबर तक शासन को निस्तारण की रिपोर्ट भेजनी है। जिसकी चलते समस्या आ सकती है। खंड शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि गंगा स्नान का अवकाश होने की वजह से परेशानी है।
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