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72 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 72 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती में दो साल पूर्व जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर भी आज तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। जबकि उस समय जांच रिपोर्ट के आधा पर डायट के दो शिक्षकों व एक लिपिक के निलंबन की संस्तुति भी की गई थी ।
तत्कालीन जिलाधिकारी ने डायट प्राचार्य के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इस संबंध में जेडी माध्यमिक एपी वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर डायट से अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही जांच रिपोर्ट ही मिल पाई। जांच रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
प्रशिक्षु शिक्षक चयन-2011 के तहत प्रदेश में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त 72825 सहायक अध्यापकों के पदों के चयन प्रक्रिया के तहत जिले में रिक्त 25 सौ पदों के लिए छह चरणों में काउंसलिंग के जरिए अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इस दौरान शिकायत मिलने पर चयन प्रक्रिया में अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील सिंह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन किया जाना पाया गया था,जिन्होंने काउंसलिंग में भाग नहीं लिया था। यही नहीं कई पात्र अभ्यर्थियों को भी चयनित सूची में शामिल नहीं किया गया था। अभिलेखों के रेंडम परीक्षण में मास्टर डाटा में अभ्यर्थियों द्वारा अंकित की गई शैक्षिक योग्यता,आरक्षण श्रेणी,विषय वर्ग,टीईटी प्राप्तांक में भी हेरा-फेरी कर कई अभ्यर्थियों को चयन का लाभ दिए जाने का मामला पकड़ में आया था। तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने 26 अक्तूबर 2015 को प्रशिक्षु शिक्षक चयन में बरती गई अनियमितता पर तत्कालीन डायट प्राचार्य हरिश्चंद्रनाथ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संस्तुति कर शासन को पत्र भेजा था। अनियमितता में फंसने पर इस दौरान प्राचार्य हरिश्चंद्रनाथ ने भी शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में डायट के दो सहायक अध्यापक और एक कनिष्ठ लिपिक के निलंबन की संस्तुति करते हुए विभागीय कार्रवाई करने के लिए तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक अखिलेश पांडेय को पत्र भेज कर अनुरोध किया था। मगर प्राचार्य ने दोषियों पर लगाए आरोपों की पुष्टि के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक को कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया था। इस बीच संयुक्त शिक्षा निदेशक के स्थनांतरण होते ही उनके कार्यालय के बाबुओं ने शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी दोनों शिक्षकों और लिपिक के निलंबन की फाइल ठंडे बस्ते में डाल दिया।
जेडी (माध्यमिक )एपी वर्मा ने बताया कि शिक्षक भर्ती में घोटाले की जानकारी होने पर मैने अक्तूबर 2017 में संबंधित पटल सहायक से इस प्रकरण में पूरी पत्रावली तलब की थी। पत्रावली में आरोपी डायट के दोनों शिक्षकों और लिपिक के खिलाफ जांच रिपोर्ट नहीं पाई गई। डायट से अभिलेख मांगा गया तो बताया गया कि मामले की जांच कर रहे अधिकारी के पास ही अभिलेख भेजा गया है। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी अपर संख्याधिकारी सुनील सिंह से जांच रिपोर्ट की मांग करेंगी। जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो जाने पर ही कार्रवाई की जा सकती है।
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