इलाहाबाद : डीएलएड और बीटीसी की संस्कृत विषय की पुनर्परीक्षा की तारीख
अभी निर्धारित नहीं है। किसी ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय
इलाहाबाद की सचिव डा. सुत्ता सिंह की ओर से पुनर्परीक्षा 21 मई को होने का
फर्जी पत्र वायरल कर दिया था, जिससे विभाग असहज हो गया है। फर्जी पत्र
तैयार करने और उसे वायरल करने के मामले में विधिक कार्रवाई की तैयारी है।
जिलों के शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट व निजी कालेजों में डीएलएड
तथा बीटीसी की सेमेस्टर परीक्षाएं एक से 10 मई तक कराई गई थीं। इसमें तीन
मई को बीटीसी सत्र 2013, 2014, 2015 और डीएलएड (पूर्व बीटीसी) 2017 के
प्रथम सेमेस्टर के सप्तम प्रश्नपत्र संस्कृत विषय की परीक्षा हुई, जिसे
अभ्यर्थियों की शिकायत पर निरस्त किया जा चुका है। अभ्यर्थियों की शिकायत
थी कि प्रश्न पत्र तय पाठ्यक्रम पर आधारित नहीं था। पहले सेमेस्टर में
तीसरे सेमेस्टर के प्रश्न आए। संस्कृत के प्रश्न पत्र में कुल 18 प्रश्न
पूछे गए थे जो बहुविकल्पीय, लघु और दीर्घ उत्तरीय थे। जांच में अभ्यर्थियों
की शिकायत सही पाए जाने पर तीन मई की परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। किसी ने
12 मई को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डा. सुत्ता सिंह के फर्जी
हस्ताक्षर से एक पत्र वायरल कर दिया जो सभी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण
संस्थान के प्राचार्य तथा निजी बीटीसी कालेजों के प्रबंधक /सचिव /
प्राचार्य को संबोधित था। इस पत्र में जानकारी दी गई कि संस्कृत विषय की
तीन मई को निरस्त परीक्षा 21 मई को पूर्व निर्धारित केंद्रों पर पुन: कराई
जाएगी। सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी डा. सुत्ता सिंह ने इस पत्र को
फर्जी करार देते हुए कहा है कि किसी ने उनका हूबहू हस्ताक्षर बनाकर पत्र
जारी कर दिया। जबकि उन्होंने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है। कहा कि
अज्ञात के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल संस्कृत की पुनर्परीक्षा
की तारीख अभी निर्धारित नहीं है।
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