खेल को शिक्षा के मौलिक अधिकार का हिस्सा बनाए जाने की मांग पर सुप्रीम
कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
कोर्ट ने यह नोटिस कानून के एक छात्र की याचिका पर जारी किया है।
याचिका
में खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाए जाने की मांग की गई
है। जस्टिस एसए बोबडे व जस्टिस न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने
याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ दवे व राजीव दुबे की दलीलें सुनने के बाद
केंद्र व राज्यों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
इससे पहले याचिकाकर्ता छात्र कनिष्क पाण्डेय की ओर से बहस करते हुए वकीलों
ने कहा कि अनुच्छेद 21ए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की बात करता है। इसमें
एजूकेशन की बात भी की गई है, लेकिन फिजिकल एजूकेशन में खेल को हिस्सा नहीं
बनाया गया है। इस पर पीठ ने सवाल किया कि फिजिकल एजूकेशन में खेल कैसे
शामिल माना जाएगा?।
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