HC में शिक्षक भर्ती में क्वालीफाइंग मार्क्स घटाने की वजह नहीं बता सकी योगी सरकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में गुरुवार को योगी सरकार की उस समय फजीहत हो गई, जब प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा को हाईकोर्ट की फटकार झेलनी पड़ी. दरअसल अपर मुख्य सचिव कोर्ट को सहायक शिक्षकों की भर्ती में मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क्स कम करने का कारण ही नहीं बता पाए.
उन्होंने हाईकोर्ट से कहा कि उन्हें नहीं मालूम है कि कट ऑफ मार्क्स कम करने का फैसला क्यों लिया गया? इसके बाद हाईकोर्ट ने इस जवाब पर अपर मुख्य सचिव को फटकार लगा दी. यही नहीं, हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद रिकॉर्ड न लाने पर भी फटकार लगाई.

बता दें, सहायक अध्यापक के 68,500 पदों के लिए लिखित परीक्षा इस साल 27 मई को संपन्न हुई थी. यह योगी सरकार के कार्यकाल की पहली बड़ी भर्ती परीक्षा है. सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, इलाहाबाद, डॉ सुत्ता सिंह ने 13 अगस्त को रिजल्ट जारी किया. 41556 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं. परिणाम से स्पष्ट है कि इस भर्ती के 26944 पद खाली रह जाएंगे. जिसके लिए सरकार कट ऑफ़ मार्क को कम करने के लिए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी.

इस बार यूपी शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा में सामान्य और ओबीसी वर्ग को 45 फीसदी और एससी-एसटी को 40 फीसदी अंक पर उत्तीर्ण मानते हुए रिजल्ट जारी किया गया है. इससे पहले सरकार ने पासिंग मार्क्स कम कर सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 33 फीसदी और एससी-एसटी वर्ग के लिए 30 फीसदी रखा था. लेकिन मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासनादेश जारी कर इन पासिंग मार्क्स में संशोधन कर दिया गया था. जिसे लेकर छात्रों ने लखनऊ में विरोध प्रदर्शन भी किया था. छात्रों की मांग थी कि सरकार इस शासनादेश के खिलाफ हाईकोर्ट में आपत्ति लगाए.