उप्र लोकसेवा आयोग यानि यूपीपीएससी ने पीसीएस जे (प्रारंभिक) परीक्षा
2018 प्रदेश के चार शहरों में कराने का कार्यक्रम तय कर आखिर अभ्यर्थियों
की सहूलियत को फिर अनदेखा कर दिया है। दो जिलों का विकल्प मांगने के अपने
निर्णय को ही यूपीपीएससी ने रद कर दिया।
जबकि इस परीक्षा से दो जिलों का
विकल्प मांगने की पहल होने के निर्णय की पूर्व में मिली जानकारी से उन
अभ्यर्थियों की बांछें खिल गई थीं जो यह मांग पूरी न होने पर पूर्व अध्यक्ष
डा. अनिल यादव के कार्यकाल से ही मनमानी का आरोप लगा रहे थे। 1यूपीपीएससी
ने पीसीएस जे 2018 के विज्ञापन में इसका जिक्र किया है कि प्रारंभिक
परीक्षा इलाहाबाद, लखनऊ, आगरा और मेरठ में होगी। जबकि अगस्त में हुई मीटिंग
में विचार विमर्श किया गया था कि प्रारंभिक परीक्षा में दो जिलों के
विकल्प मांगे जाएंगे। यह भी तय हुआ था कि आगामी परीक्षाओं में भी दो जिलों
का विकल्प मांगा जाएगा। यूपीपीएससी के इस निर्णय पर अभ्यर्थियों को काफी
सुकून मिला था, क्योंकि उन्हें परीक्षा केंद्र तीन से चार सौ किलोमीटर दूर
मिलते हैं। अब तक हुई परीक्षाओं में इसी परेशानी के चलते तमाम अभ्यर्थियों
ने आवेदन के बाद परीक्षा से ही दूरी बना ली। 29 जुलाई को ही हुई एलटी ग्रेड
शिक्षक भर्ती की परीक्षा भी हजारों अभ्यर्थियों ने इसी वजह से छोड़ दी,
क्योंकि इलाहाबाद में रहने वाले अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र झांसी में
आवंटित किया गया, रायबरेली में रहने वाले को मेरठ, गोरखपुर निवासी अभ्यर्थी
को कानपुर और चित्रकूट-बांदा से आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को लखनऊ या इससे
भी दूर के जिले परीक्षा केंद्र के रूप में आवंटित किए गए थे।1आखिर
यूपीपीएससी ने पीसीएस जे 2018 की परीक्षा में भी दो जिलों का विकल्प मांगने
के निर्णय पर खुद ही कैंची चला दी और प्रारंभिक परीक्षा के लिए केवल चार
जिले ही मनमाने तरीके से निर्धारित कर लिए। सचिव जगदीश ने कहा है कि दो
जिलों का विकल्प मांगने का निर्णय फिलहाल स्थगित रखा गया है। कुछ तकनीकी
कारणों से इसे पीसीएस जे परीक्षा में लागू नहीं किया जा सका।