बेसिक शिक्षा में 68500 पदों पर भर्ती के लिए हुई लिखित परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी ही पास हो पाए थे। इसमें 40296 ने भर्ती के अंतिम चरण के लिए आवेदन किया था। लेकिन, इनमें से 6127 अभ्यर्थियों के लिए जिले ही आवंटित नहीं किए गए। इससे इन अभ्यर्थियों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने राजधानी में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने नियुक्ति के लिए सहायक शिक्षकों के पदों की संख्या को क्वालिफाई अभ्यर्थियों के बराबर मानकर मेरिट तैयार की है। इसके चलते करीब 27 हजार सीटें घट गई हैं। मेरिट में 60 प्रतिशत वेटेज लिखित परीक्षा और 40 प्रतिशत वेटेज हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन और बीटीसी यानी शैक्षणिक गुणांक को दिया गया। वहीं, शिक्षामित्रों को भी अधिकतम 25 अंक का वेटेज मिला।
इस प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के बहुत से अभ्यर्थियों की मेरिट ऊंची हो गई। नतीजतन, वे अनारक्षित वर्ग की सीटों पर चयनित कर लिए गए। इससे जहां आरक्षित वर्ग की सीटें खाली रह गईं, वहीं छह हजार से ज्यादा सफल अभ्यर्थी दौड़ में पीछे रह गए। बाहर हुए अभ्यर्थियों ने इसके लिए चयन प्रक्रिया को गलत बताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया।
मामला उच्चस्तर पर पहुंचने पर शासन भी हरकत में आया। अपर मुख्य सचिव, बेसिक डॉ. प्रभात कुमार ने रविवार की शाम ट्वीट के माध्यम से बताया कि सभी शेष 6127 सफल अभ्यर्थियों के लिए जिले आवंटित कर दिए गए हैं। पहले काउंसिलिंग सिर्फ तीन सितंबर तक होनी थी, लेकिन अब यह 3 व 4 सितंबर दोनों दिन होगी।