68500 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थी व अन्य प्रस्तुत कर सकते हैं अनियमितता के साक्ष्य, 19 सितंबर तक जमा कर सकेंगे अभिलेख, जांच अधिकारी के कार्यालय पर जाना होगा

इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा परिणाम की जांच में अब अभ्यर्थी व अन्य भी गड़बड़ियों की शिकायत कर सकते हैं।
जांच कमेटी के अध्यक्ष ने इसके लिए 19 सितंबर तक लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में सुबह 9.30 से 11 बजे तक अभिलेख या साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया है।


शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा परिणाम में अनियमितताओं की जांच कर रही कमेटी के दो सदस्य सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक वेदपति मिश्र व बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र इलाहाबाद में आकर पड़ताल की थी।


इस दौरान दोनों सदस्यों ने पूर्व सचिव डा. सुत्ता सिंह व रजिस्ट्रार जीवेंद्र सिंह ऐरी सहित अन्य कर्मचारियों से तमाम सवाल पूछे और अभिलेख जांचे। दो दिनी जांच में दोनों सदस्य कार्यालय परिसर में मौजूद अभ्यर्थियों व अन्य से नहीं मिले। इसको लेकर सभी में रोष रहा। यह मामला शासन तक पहुंचा तो जांच टीम के अध्यक्ष प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने बुधवार को विज्ञप्ति जारी करके अनियमितताओं की जांच में अभ्यर्थियों व अन्य प्रभावित पक्ष को भी शामिल होने का मौका दिया है। इसमें कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के संबंध में यदि कोई अभिलेख या साक्ष्य प्रस्तुत करने का इच्छुक हो तो कार्यालय आयुक्त गन्ना एवं चीनी उप्र 17, न्यू बेरी रोड स्थित कैंप कार्यालय में 13 से 19 सितंबर तक सुबह 11 बजे तक प्रस्तुत कर सकता है। माना जा रहा है कि अब बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा की कार्बन कॉपी और रिजल्ट के अंकों के अंतर का साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं। वैसे भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में करीब पांच हजार आवेदकों ने स्कैन कॉपी की मांग की है। इसके अलावा उत्तर पुस्तिका बदलने वाले और जिन्हें स्कैन कॉपी मिल चुकी है और वे उत्तीर्ण हैं वह भी साक्ष्य मुहैया करा सकते हैं।

जांच अवधि बढ़ना तय : शासन ने शिक्षक भर्ती के लिए सात सितंबर को तीन सदस्यीय जांच समिति बनाकर सात दिन में ही रिपोर्ट मांगी थी। उसकी मियाद गुरुवार को पूरी हो रही है लेकिन, जिस तरह से जांच अधिकारी ने अभ्यर्थियों व अन्य से साक्ष्य आदि मांगे हैं, उससे जांच अवधि का बढ़ना लगभग तय है। हालांकि 17 सितंबर को ही इस मामले की हाईकोर्ट में ही सुनवाई है।