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शिक्षक भर्ती घोटालाः जो खुद कठघरे में, उन्हीं को सौंप दी गई जांच

लखनऊ बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत चल रही सहायक शिक्षक भर्ती पर निदेशालय से लेकर न्यायालय तक सवाल खड़े हो रहे हैं। मूल्यांकन, रिजल्ट और नियुक्ति पत्र तक में अनियमिताओं की भरमार लगातार सामने आ रही है। इसकी जांच के लिए शासन ने जो कमिटी बनाई है, वह भी कठघरे में है।
जिन अफसरों की गड़बड़ी के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए, उन्हीं को जांच कमिटी में रख दिया गया है।


बेसिक शिक्षा सचिव मनीषा त्रिघाटिया की अगुआई में बनी कमिटी में निदेशक बेसिक शिक्षा, निदेशक एससीईआरटी और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुक्ता सिंह शामिल हैं। जांच के जो बिंदु है, उनमें गलत मूल्यांकन, पास को फेल किए जाने, बारकोड बदले जाने जैसे गंभीर मामले हैं। ये अनियमितताएं न हों, इसकी जिम्मदेारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी की थी।

अब उसकी सचिव ही अपने खिलाफ लगे इन आरोपों की जांच करेंगी। इसी तरह 21 ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए जिला आवंटित कर दिया गया, जो लिखित परीक्षा में पास ही नहीं थे। ऐसे में योग्यता के दावों के बीच फेल को नियुक्ति पत्र देने का रास्ता खोल दिया गया। जिला आवंटन और नियुक्ति की निगरानी बेसिक शिक्षा परिषद कर रहा था। परिषद से जवाब मांगने की जगह इनके आला अफसरों ने आगे गड़बड़ी न हो इसके सुझाव देने की जिम्मेदारी दी गई है। इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव बेसिक प्रभात कुमार से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

सीएम की डेटलाइन भी बेअसर

मुख्यमंत्री ने पांच सितंबर को सभी चयनित अभ्यर्थियों को हर हाल में नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। अफसरों ने इसे भी अनसुना कर दिया। कई जिलों में अब भी सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाए हैं। कुछ जिलों में तो हाल यह है कि अभ्यर्थियों को जिले आवंटित कर दिए गए, लेकिन वहां पद ही नहीं है, जहां उन्हें नियुक्ति दी जा सके।


तीन दिन के भीतर दें रिक्तियों का ब्योरा
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर तीन दिन के भीतर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा मांगा है। इसमें नई नियुक्तियों के पहले के खाली पद और अभी जारी नियुक्त पत्रों का अलग-अलग ब्योरा देना होगा। इसमें लापरवाही करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पद खाली नहीं, 55 अभ्यर्थी आवंटित

सहायक अध्यापक भर्ती में जारी दूसरी सूची में आवंटित लखनऊ के 55 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग शुक्रवार को होगी जबकि ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद ही खाली नहीं हैं। ऐसे में बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को पत्र भेजकर व्यवस्था मांगी है।

हर कदम पर कोर्ट ने कठघरे में किया खड़ा
टीईटी की आंसरशीट पर सवाल उठे, विभाग नहीं माना, कोर्ट ने कहा कि गलत सवालों को हटा रिजल्ट जारी करें। इसके बाद 12 मार्च को लिखित परीक्षा टालनी पड़ गई।
परीक्षा के ठीक एक सप्ताह पहले लिखित परीक्षा का कटऑफ बदल दिया गया। हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और पुराने कटऑफ पर रिजल्ट जारी करना पड़ा। रिव्यू में भी अफसरों को फटकार पड़ी।
लिखित परीक्षा के बाद दूसरे चरण के आवेदन में फॉर्म में कुछ अभ्यर्थियों से गलती हुई। उन्हें सुधारने का मौका नहीं दिया गया। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब उन अभ्यर्थियों को भी काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा।
लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी के आरोप लगाए। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने नकारा। कोर्ट में पोल खुल गई। एक अभ्यर्थी की कॉपी ही बदल गई थी।

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