दांव पर कई अभ्यर्थियों का करियर , किसी की शादी अटकी तो कोई परिवार की आखिरी उम्मीद

किसी की शादी अटकी तो कोई परिवार की आखिरी उम्मीद
एनबीटी सं, लखनऊ: सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए कई अभ्यर्थियों का जीवन ही दांव पर लग गया है। किसी की शादी अटकती दिख रही है तो किसी को बहनों की शादी करनी है। इन सबका एक ही सहारा नौकरी है। सूची से बाहर हुए कई अभ्यर्थियों ने इस तरह बयां किया अपना दर्द...
सड़क पर आ गया हूं
शहर के रोहित द्विवेदी एचसीएल में नौकरी करते थे। परीक्षा क्वॉलिफाई करने के बाद वह नौकरी छोड़ दी। दिसंबर में शादी होनी है। रोहित का रहना है कि अगर शिक्षक भर्ती में चयन नहीं हुआ तो न शादी होगी, न दोबारा नौकरी कर पाऊंगा। कुल मिलाकर सड़क पर आ गया हूं।
8 साल से कर रहे संघर्ष
औरैया के शशांक ने बताया कि मेरे पिता की किराने की छोटी दुकान है। आठ साल से तैयारी कर रहा हूं। साल 2012 में चयन हुआ, लेकिन काउंसलिंग से बाहर हो गया। इस बार तो परीक्षा पास करने के बाद बाहर हो गया। मेरे पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं बचा है।
लगता है, खेती ही करूंगा
बलिया के जीतेंद्र ने बताया कि दो भाई हैं। दोनो इंटर तक पढ़ने के बाद खेती करते हैं। मैं ही उच्च शिक्षा तक पहुंचा तो सोचा, नौकरी कर लूं, लेकिन मुश्किल इसमें चयन हुआ। अब लगता है कि डिग्रियां ताखे पर रखकर मुझे भी खेती करनी पड़ेगी।
बहनों की शादी करनी है
झांसी के मनीश कुमार दीक्षित ने बताया कि दो साल का था, तब पिता चल बसे। दो बहने हैं और आय का श्रोत बस थोड़ी सी खेती है, जिससे बमुश्किल परिवार चलता है। शिक्षक भर्ती में चयन होने पर सोचा था कि लोन लेकर बहनों की शादी कर दूंगा, लेकिन अब यह सपना भी टूटता दिख रहा है।
एक साल के बच्चे के साथ प्रदर्शन
मथुरा की मेघा शर्मा ने अपने एक साल के बच्चे को गोद में लेकर प्रदर्शन किया। मेघा ने बताया कि बच्चे को देखने वाला कोई नहीं है। इसलिए साथ लाना पड़ा। तीन बार रिजेक्ट हो चुकी हूं। बहुत मुश्किल से इस बार चयन हुआ, लेकिन अब भी हाथ से नौकरी फिसलती दिख रही है।