जो बाप व चाचा का नहीं, वह बुआ का क्या होगा : केशव

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पिछले पांच साल अखिलेश यादव की सरकार थी, पर उन्होंने अपने ही पिता मुलायम सिंह यादव की राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी छीनी। चाचा से बदसुलूकी की। जो परिवार के साथ नहीं रहा, वह बुआ का साथ क्या निभाएगा। ऐसा आचरण करने वाले नेता को यादव समाज अपना हितैषी नहीं मान सकता।


केशव शनिवार को यहां विश्वेश्वरैया सभागार में भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के यादव सामाजिक प्रतिनिधि सम्मलेन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव हों या 2017 के विधानसभा चुनाव, यादव समाज के सहयोग व साथ से ही भाजपा को विजय मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यदुवंशी समाज के लोगों को एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा देश की सेवा का मौका देना चाहिए।
आतंकी के गिरने पर कई की फटती है छाती
मौर्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने सेना को खुली छूट दे रखी है। कश्मीर में जब आतंकी गिरते हैं तो कई लोगों की छाती फटती है। आज कोई विष्णु मंदिर बनाने की बात करता है। कोई कैलाश जा रहा है।

ममता तो बंगाल में दुर्गा पूजा पंडालों के लिए जगह देने में जुटी हैं। साथ में 10 हजार रुपये भी। यह सब मोदी के दबाव में हो रहा है। मोदी ने अगर कुछ नहीं किया तो गठबंधन करने की कोशिश क्यों हो रही है।
राहुल को कौन सौंपेगा सत्ता
मौर्य ने सभागार में उपस्थित लोगों से सवाल किया कि क्या कोई अमेठी के सांसद को देश की बागडोर सौंपना चाहता है, लोगों ने कहा-नहीं। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करेंगे।

सभी पिछड़े कृष्णवंशी
मौर्य ने कहा कि प्रदेश में 54 फीसदी पिछड़े हैं। सभी भगवान कृष्ण के वंशज हैं। इन्हें कोई बांट नहीं सकता। मोदी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पिछड़ों का सम्मान किया है।
भाजपा आम कार्यकर्ताओं की पार्टी
भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुभाष यदुवंश ने कहा कि सपा एक कुनबे की पार्टी है जबकि भाजपा आम कार्यकर्ताओं की। जो कहते हैं कि भाजपा में यादव नहीं हैं, उन्हें चुनाव बाद पता चल जाएगा।

सम्मेलन को राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव, राज्यमंत्री गिरीश यादव, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद राजेश वर्मा, विधायक महेंद्र यादव, रामचंद्र यादव, अरुण यादव, शिवनाथ यादव, बृजबहादुर यादव ने संबोधित किया। वक्ताओं ने मुलायम यादव कुनबे को निशाने पर रखा और कहा कि सैफई परिवार अपने आगे किसी यादव को आगे नहीं बढ़ने देता है। संचालन जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने किया।
नाराजगी भी झलकी
वक्ताओं ने नौकरियों में पिछड़ा वर्ग को पूरा प्रतिनिधित्व न मिलने पर अफसोस भी जताया। पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा, बीएचयू कुलपति ने बयान दिया है कि प्रदेश में योग्य टीचर नहीं हैं। उन्हें दूसरे प्रदेशों से शिक्षक लाने पड़े। सच्चाई यह है कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के ही सैकड़ों नेट पास अभ्यर्थी बेरोजगार घूम रहे हैं।

गोरखपुर विवि में 71 शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं, लेकिन पिछड़ों को भागीदारी नहीं मिली। शिक्षक भर्ती में पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय हुआ है। दोबारा कॉपी जांचने के आदेश के बाद 1500 लोगों को उनका अधिकार मिल पाया है। इसे ठीक किया जाए। हर जिले में दरोगा, एसडीएम, तहसीलदार की तैनाती में पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाए।