बेसिक
शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के 68500 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा
में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है, जिसकी परतें अब खुलने लगी है.
अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 86 और 75 अंक दे
दिए. इतना ही नहीं जिस अभ्यर्थी को परीक्षा में सिर्फ 2 अंक मिले थे उसके
अंक 91 करके चयनित अभ्यर्थियों की सूची में डाल दिया गया. वहीं इस मामले
में न्यूज 18 से खास बात करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने
कहा कि जरूरत पड़ी तो पूरी भर्तियों की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा
उसे बख्शा नहीं जाएगा.
शिक्षक भर्ती परीक्षा में जब गड़बड़ियां सामने आई तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने पहले तो मानने से ही इनकार कर दिया. यहां तक की नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अचयनित अभ्यर्थियों को अयोग्य करार दे दिया. लेकिन अब जबकि मामला कोर्ट पहुंचा और परत दर परत खुलने लगा तो अधिकारियों के घोटाले खुलने लगे हैं. परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने उन अभ्यर्थियों का भी चयन कर दिया जिनको सिर्फ 2 या 7 अंक मिले थे. जब इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया तो जाकर सच्चाई सामने आनी शुरू हुई है. हालांकि सच्चाई को सामने लाने के लिए बेरोजगार युवा अभ्यर्थियों को पुलिस की लाठियां तक खानी पड़ी.
वहीं इस मामले में अब शासन ने राज्य परियोजना निदेशक डॉक्टर वेदपति मिश्र की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है. इस पूरे मामले में अब सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉक्टर सुत्ता सिंह और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि परीक्षा जिम्मेदारी परीक्षा नियामक पर थी तो चयन सूची जारी करने की बेसिक शिक्षा परिषद पर. इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टेट 2017 में गलत प्रश्न देकर भी काफी किरकिरी कराई थी. इसकी वजह से शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा को भी देर से कराना पड़ा था.
फिलहाल अभी तक 23 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोकने के आदेश दिए गए हैं. रिजल्ट और नियुक्ति के लिए अधिकारीयों ने बड़े खेल किए हैं. एब्सेंट बताकर जिस मो. सहून की नियुक्ति रोकी है पहले रिजल्ट में उसे 86 नंबर दिए थे. एब्सेंट बताकर जिस मीना देवी की नियुक्ति रोकी पहले रिजल्ट में 75 नंबर दिए थे. 2 नंबर पाने वाले अरुण कुमार को 91 और 7 नंबर पाने वाली शबाना को 85 नंबर दिए थे. सोनिका देवी नाम की अभ्यर्थी की आंसर शीट ही बदल डाली, जिसकी पोल कोर्ट में खुली.
सीमा के अंक 41 से बढ़ाकर 91, दीपलता के 19 से 74, सत्यपाल के 55 से 89, शिवेंद्र के 22 से 76, दीपक के 46 से 75, आकाश के 66 से 101, मनोज के 34 से 79, मनेंद्र के 50 से बढ़ाकर 89, ललिता के 32 से 84, सरिता सिंह के 23 से 84, निजाम के 6 से बढ़ाकर 80 और सीमा यादव के 50 से 81 अंक करके परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने नियुक्ति पाने वालों की सूची में डाल दिया.
शिक्षक भर्ती परीक्षा में जब गड़बड़ियां सामने आई तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने पहले तो मानने से ही इनकार कर दिया. यहां तक की नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अचयनित अभ्यर्थियों को अयोग्य करार दे दिया. लेकिन अब जबकि मामला कोर्ट पहुंचा और परत दर परत खुलने लगा तो अधिकारियों के घोटाले खुलने लगे हैं. परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने उन अभ्यर्थियों का भी चयन कर दिया जिनको सिर्फ 2 या 7 अंक मिले थे. जब इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया तो जाकर सच्चाई सामने आनी शुरू हुई है. हालांकि सच्चाई को सामने लाने के लिए बेरोजगार युवा अभ्यर्थियों को पुलिस की लाठियां तक खानी पड़ी.
वहीं इस मामले में अब शासन ने राज्य परियोजना निदेशक डॉक्टर वेदपति मिश्र की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है. इस पूरे मामले में अब सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉक्टर सुत्ता सिंह और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि परीक्षा जिम्मेदारी परीक्षा नियामक पर थी तो चयन सूची जारी करने की बेसिक शिक्षा परिषद पर. इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टेट 2017 में गलत प्रश्न देकर भी काफी किरकिरी कराई थी. इसकी वजह से शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा को भी देर से कराना पड़ा था.
फिलहाल अभी तक 23 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोकने के आदेश दिए गए हैं. रिजल्ट और नियुक्ति के लिए अधिकारीयों ने बड़े खेल किए हैं. एब्सेंट बताकर जिस मो. सहून की नियुक्ति रोकी है पहले रिजल्ट में उसे 86 नंबर दिए थे. एब्सेंट बताकर जिस मीना देवी की नियुक्ति रोकी पहले रिजल्ट में 75 नंबर दिए थे. 2 नंबर पाने वाले अरुण कुमार को 91 और 7 नंबर पाने वाली शबाना को 85 नंबर दिए थे. सोनिका देवी नाम की अभ्यर्थी की आंसर शीट ही बदल डाली, जिसकी पोल कोर्ट में खुली.
सीमा के अंक 41 से बढ़ाकर 91, दीपलता के 19 से 74, सत्यपाल के 55 से 89, शिवेंद्र के 22 से 76, दीपक के 46 से 75, आकाश के 66 से 101, मनोज के 34 से 79, मनेंद्र के 50 से बढ़ाकर 89, ललिता के 32 से 84, सरिता सिंह के 23 से 84, निजाम के 6 से बढ़ाकर 80 और सीमा यादव के 50 से 81 अंक करके परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने नियुक्ति पाने वालों की सूची में डाल दिया.