जासं, गंजडुंडवारा: सीबीआइ को मध्य भारत ग्वालियर शिक्षा बोर्ड के जिस
फर्जी ठिकाने की तलाश है, उसका मुख्यालय गंजडुंडवारा में है। पांच साल पहले
इस फर्जी बोर्ड के चेयरमैन को साथी और पुत्र सहित एसटीएफ जेल भेज चुकी है
लेकिन अब नई शिक्षक भर्ती में इस फर्जी बोर्ड के दस्तावेज मिले है तो
सीबीआइ फिर से सक्रिय हो गई।
मध्य भारत शिक्षा बोर्ड नामक संस्था के चेयरमैन डॉ. गंगादयाल शाक्य है।
वर्ष 2010 में बनाए गए इस बोर्ड को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग और बोर्ड
के चेयरमैन के बीच जमकर विवाद हुआ। मामला न्यायालय तक पहुंचा। वर्ष 2013
में लखनऊ से आई एसटीएफ ने चेयरमैन डॉ. गंगादयाल शाक्य और उसके बेटे राहुल
शाक्य, साथी सुशील यादव को जेल भेजते हुए दस्तावेज जब्त किए थे। यहां
हजारों फर्जी डिग्री पाई गई थी। इस बोर्ड से डिग्री लेने वाले सैकड़ों लोगों
की सरकारी नौकरियां चली गई। उसके बाद इसकी जांच चलती रही। जमानत पर यह सभी
जालसाज रिहा हो गए। लेकिन अब जब नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में इस बोर्ड
के दस्तावेज- डिग्री मिली है तो शिक्षकों की तो लगभग प्रदेश के आधा दर्जन
लोगों की नौकरी चली ही गई, लेकिन यह भी तय हो गया कि जेल जाने के बाद भी
चेयरमैन ने जालसाजी नहीं छोड़ी है। सीबीआइ अब इस मामले की पड़ताल कर रही है।
इसका कार्यालय गंजडुंडवारा के गनेशपुर स्थित सद्भावना नगर में है, इसके
अलावा ग्वालियर के गांधी रोड़ सत्यदेव नगर, शांति निकेतन में भी कार्यालय
है।
गाजियाबाद में भी जालसाज:
कासगंज के डॉ. गंगादयाल शाक्य इस बोर्ड के चेयरमैन होने का दावा कर रहे
है। इसके अलावा गाजियाबाद का भी एक जालसाज इसका चेयरमैन बताया गया है। ऐसे
में सीबीआइ ने गाजियाबाद और कासगंज के जालसाज के विरुद्ध लखनऊ-गाजियाबाद
में मुकदमा कराया है।
छापे की नहीं लगी भनक:
मध्य भारत बोर्ड से जुड़े पदाधिकारियों के यहां सीबीआइ छापे की किसी को
भनक नहीं लग सकी। बोर्ड चेयरमैन के आसपास रहने वाले भी इस छापे से
अनभिज्ञता जता रहे हैं। नागरिकों को कहना है कि सीबीआइ के यहां आकर
कार्रवाई करने की उनको जानकारी भी नहीं है।
0 Comments