प्रशासनिक सेवाओं सहित विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर नई भर्तियों
के लिए उप्र लोक सेवा आयोग यानि यूपीपीएससी से शुरू हुई परीक्षाओं की
श्रृंखला ने राज्य सरकार के इरादों को भी साफ कर दिया है।
परीक्षा नियामक
प्राधिकारी कार्यालय इलाहाबाद की ओर से शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के अलावा
जहां अन्य परीक्षा संस्थाएं सुस्ती के आलम में हैं वहीं यूपीपीएससी को
लगातार मिल रहे अधियाचन और ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत अलग-अलग सेवा क्षेत्रों
के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को सुकून पहुंचाने
वाला कदम भी है।
एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती के लिए 29 जुलाई को लिखित
परीक्षा कराने के साथ ही यूपीपीएससी की ओर से परीक्षाओं का जो सिलसिला शुरू
हुआ वह बदस्तूर जारी है। सितंबर में सहायक वन संरक्षक / क्षेत्रीय वन
अधिकारी भर्ती 2017 की मुख्य परीक्षा, राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता
भर्ती की स्क्रीनिंग परीक्षा, 30 सितंबर को चिकित्साधिकारी के 11 सौ से
अधिक पदों पर हुई स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद यूपीपीएससी तीन और बड़ी
परीक्षाओं की तैयारी में है। इसमें 28 अक्टूबर को पीसीएस/ वन विभाग में
सहायक वन संरक्षक / क्षेत्रीय वनाधिकारी की 2018 की संयुक्त प्रारंभिक
परीक्षा और दिसंबर में पीसीएस जे 2018 की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी की
जाने लगी है। जबकि एलोपैथिक चिकित्साधिकारी समेत 17 विभागों में भी विभिन्न
पदों पर नई भर्ती की तैयारी ने प्रतियोगियों को भी उत्साह से लबरेज कर
दिया है। हालांकि अभी इस परीक्षा की तारीख निर्धारित नहीं हो सकी है।
एक सितंबर को यूपीपीएससी, राज्य सरकार की मंशा को प्राथमिकता पर लेकर स्टाफ
नर्स (महिला ) के चार हजार से अधिक पदों पर परिणाम जारी कर चुका है जिसमें
औपबंधिक रूप से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के मूल शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन
भी पूरा हो गया है। जबकि जुलाई से दिसंबर तक संचालित परीक्षाओं के जरिए
प्रशासनिक व न्यायिक सेवाओं और शिक्षक भर्ती समेत अन्य विभागों में 13 हजार
से अधिक रिक्त पदों पर नई भर्ती होनी है।
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