शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने की कवायद तेज, आम चुनाव से हो सकता है अमल

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में जुटी सरकार अब शिक्षकों को पढ़ाई के इतर लिए जाने वाले सभी कामों से मुक्त रखने की .कवायद में जुट गई.है। इनमें चुनाव.ड्यूटी भी एक अहम और गंभीर विषय है।.इसमें बड़े पैमाने पर स्कूली शिक्षकों की सेवाएं ली जाती हैं।
सरकार ने इसे लेकर हाल ही में चुनाव आयोग को एक मसौदा सौंपा है जिसमें चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की जगह आंगनबाड़ी या फिर आशा जैसी सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं की मदद लेने का सुझाव है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आयोग को यह मसौदा भेजा गया है। मौजूदा व्यवस्था के तहत चुनावों के दौरान स्कूलों के ज्यादातर शिक्षक चुनाव ड्यूटी में लग जाते हैं। महीने भर पहले से उनकी ट्रेनिंग आदि शुरू हो जाती है। इसके चलते स्कूलों की पढ़ाई-लिखाई बिल्कुल ठप हो जाती है। इनमें ज्यादातर चुनाव ऐसे समय पर होते हैं जब स्कूलों की परीक्षाएं होती रहती हैं, या होने वाली होती है। ऐसे में बच्चों को शिक्षकों की मदद की सबसे ज्यादा जरूरत इसी समय पड़ती है।