इलाहाबाद : माध्यमिक कालेजों में प्रवक्ता पद के लिए बीएड को भी योग्यता
में शामिल किया जा सकता है। अभी तक प्रशिक्षित स्नातक यानी टीजीटी शिक्षक
की योग्यता में ही बीएड शामिल रहा है, वहीं प्रवक्ता के लिए वे अभ्यर्थी
योग्य माने जाते थे, जिन्होंने संबंधित विषय में स्नातकोत्तर यानी पीजी
किया हो। बीएड लागू होने पर प्रवक्ता बनने के इच्छुक दावेदारों को
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करना होगा।
प्रदेश के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक कालेजों में इधर भर्तियों की लिखित
परीक्षा होने पर कई विषयों की अर्हता का विवाद सामने आया। कुछ ऐसे विषय
हैं, जिनकी अशासकीय कालेजों में अलग योग्यता निर्धारित है, जबकि राजकीय
कालेजों की नियुक्ति में उन्हीं विषय की भिन्न योग्यता है। अर्हता में अंतर
होने का कारण सामने यह आया कि माध्यमिक के ही दो बड़े अफसर उसे तय करते
हैं, इससे एक ही विषय की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी परेशान थे कि वे कैसे
पढ़ाई करें। यही नहीं दोनों कालेजों में पढ़ाई भी एक ही पाठ्यक्रम पर
आधारित है। यह प्रकरण ‘दैनिक जागरण’ ने उठाया। इसका शासन ने संज्ञान लिया
और यूपी बोर्ड की सचिव की अध्यक्षता में तीन अफसरों की कमेटी बनाई है।
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