इलाहाबाद : अब प्रदेश के अशासकीय अल्पसंख्यक माध्यमिक कालेजों में
शिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा से ही होगा। कालेजों में मौलिक रूप से रिक्त
पदों पर चयन सीधी भर्ती से होगा लेकिन, उसके लिए स्क्रीनिंग परीक्षा भी
कराई जाएगी।
प्रदेश सरकार इन दिनों प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा संस्थान तक में
शिक्षकों का चयन करा रही है। सभी चयन पारदर्शी तरीके से कराने के लिए लिखित
परीक्षाएं कराई गई हैं और कुछ प्रस्तावित भी हैं। इसी कड़ी में अशासकीय
सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक कालेजों का भी जुड़ गया है। सूबे में
319 अल्पसंख्यक माध्यमिक कालेज संचालित हैं। वहां संस्था प्रधान व सहायक
अध्यापकों के तमाम पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। पहले इन पदों को कालेज
प्रबंधक नियुक्ति करके जिला विद्यालय निरीक्षक व मंडलीय संयुक्त शिक्षा
निदेशक से अनुमोदन लेते रहे हैं। अधिकांश पदों पर चयन मेरिट से होने का
दावा किया जाता रहा है लेकिन, उसमें घालमेल भी होता रहा है। शासन ने इस
व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा सचिव संध्या तिवारी ने
शिक्षा निदेशक माध्यमिक को निर्देश दिया है कि अल्पंसख्यक माध्यमिक कालेजों
में मौलिक रूप से रिक्त संस्था प्रधान व शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए
स्क्रीनिंग टेस्ट कराया जाएगा। इस परीक्षा को कराने के लिए टाटा कंसल्टेंसी
सर्विसेज लिमिटेड, टीसीएस अवध पार्क विभूति खंड गोमती नगर लखनऊ को नामित
किया गया है। अफसरों की मानें तो मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से इन
कालेजों में रिक्त पदों का ब्योरा मांगा जा रहा है, ताकि स्क्रीनिंग टेस्ट
कराकर उन्हें भरा जा सके।
प्राथमिक व माध्यमिक में बदली प्रक्रिया : प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद
के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती व राजकीय माध्यमिक
कालेजों में एलटी ग्रेड 10768 शिक्षकों की नियुक्ति में भर्ती प्रक्रिया
में बदलाव कर चुकी है। दोनों जगह पहले मेरिट से चयन होता रहा है, अब लिखित
परीक्षा कराई गई है।
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