मैनपुरी। 68,500 शिक्षक भर्ती के ऑनलाइन सत्यापन में कमियां सामने आने लगी
हैं। इन शिक्षकों से बेसिक शिक्षा विभाग नोटिस जारी कर जवाब मांग रहा है।
हालांकि इन कमियों की पुष्टि ऑफलाइन रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। इस दौरान दो शिक्षकों के हाईस्कूल के अंकपत्र ऑनलाइन सत्यापन में गलत पाए गए हैं। शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
68500 शिक्षक भर्ती में जिले को भी 564 शिक्षक मिले थे। इन शिक्षकों की
नियुक्ति के बाद अब इनके मूल अभिलेखों के सत्यापन का काम चल रहा है। अब तक
केवल टीईटी प्रमाणपत्रों के ऑनलाइन सत्यापन कराने के बाद ऑफलाइन सत्यापन के
लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को शिक्षकों की सूची व अभिलेख
भेजे गए हैं। अब हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन किया
जा रहा है। जांच के दौरान अब तक दो शिक्षकों के हाईस्कूल के अंकपत्र
ऑनलाइन सत्यापन में गलत पाए गए हैं। ऑनलाइन इन प्रमाणपत्रों की जानकारी
वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हो रही है।
ये दोनों शिक्षक बेवर विकास खंड में तैनात हैं। इन शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही यूपी बोर्ड को सत्यापन के लिए सभी शिक्षकों के अभिलेख भेजे जा रहे हैं। अगर बोर्ड से प्राप्त रिपोर्ट में भी अभिलेखों में गड़बड़ी मिलती है तो शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। फिलहाल अभिलेखों के सत्यापन का काम चल रहा है, अभी और भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।
पहले भी फर्जी निकल चुके हैं शिक्षक
जिले में अभिलेख सत्यापन के दौरान पहले भी शिक्षकों के अभिलेख फर्जी निकल चुके हैं। एक ओर जहां 31 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र फर्जी मिले थे, जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया। वहीं बीएड फर्जीवाड़े में भी 81 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले हैं। इन शिक्षकों पर कार्रवाई अभी विचाराधीन है।
अभिलेखों का सत्यापन इसीलिए कराया जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो। ऑफलाइन सत्यापन के बाद जिस शिक्षक के अभिलेखों में गड़बड़ी पाई जाएगी, उसकी सेवा समाप्त की जाएगी।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए, मैनपुरी।
हालांकि इन कमियों की पुष्टि ऑफलाइन रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। इस दौरान दो शिक्षकों के हाईस्कूल के अंकपत्र ऑनलाइन सत्यापन में गलत पाए गए हैं। शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
ये दोनों शिक्षक बेवर विकास खंड में तैनात हैं। इन शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही यूपी बोर्ड को सत्यापन के लिए सभी शिक्षकों के अभिलेख भेजे जा रहे हैं। अगर बोर्ड से प्राप्त रिपोर्ट में भी अभिलेखों में गड़बड़ी मिलती है तो शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। फिलहाल अभिलेखों के सत्यापन का काम चल रहा है, अभी और भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।
पहले भी फर्जी निकल चुके हैं शिक्षक
जिले में अभिलेख सत्यापन के दौरान पहले भी शिक्षकों के अभिलेख फर्जी निकल चुके हैं। एक ओर जहां 31 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र फर्जी मिले थे, जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया। वहीं बीएड फर्जीवाड़े में भी 81 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले हैं। इन शिक्षकों पर कार्रवाई अभी विचाराधीन है।
अभिलेखों का सत्यापन इसीलिए कराया जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो। ऑफलाइन सत्यापन के बाद जिस शिक्षक के अभिलेखों में गड़बड़ी पाई जाएगी, उसकी सेवा समाप्त की जाएगी।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए, मैनपुरी।