उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में सीबीआई ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल की. जस्टिस इरशाद अली की सिंगल बेंच सीबीआई की प्रोग्रेस रिपोर्ट से फिलहाल संतुष्ट नजर आ रही है.
जस्टिस इरशाद अली ने मामले की सुनवाई अगले 6 हफ्ते बाद करना तय किया है.हाईकोर्ट ने दिए 68500 बेसिक शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच के आदेश अब जनवरी के आखिरी सप्ताह में मामले की सुनवाई होगी और सीबीआई जांच में अभी तक सामने आए तथ्यों का हाईकोर्ट द्वारा संज्ञान लिया जाएगा. हाईकोर्ट ने 6 महीने में सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया है. बता दें नवंबर में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग में 68500 पदों की सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिए. 68500 पदों की भर्ती को लेकर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की थी. कोर्ट ने कहा कि वह आंखें बंद करके नहीं बैठ सकती. जस्टिस इरशाद अली ने कहा था कि परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली एजेंसी से लेकर अफसरों तक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.यूपी शिक्षक भर्ती 2018 की CBI जांच के आदेश से 'कहीं खुशी, कहीं गम' जो अभ्यर्थी शासन की जांच में योग्य मिले उनको भी अब तक नियुक्ति नहीं मिली. इतना ही नहीं मामला जिस विभाग में गड़बड़ी से जुड़ा था, उसी के अधिकारियों को जांच समिति में शामिल किया गया. अफसरों ने पसंद के अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया और योग्य अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं तक फाड़ दी गई. उत्तर पुस्तिकाएं बदलने के बावजूद एजेंसी पर अपराधिक कृत्य के तहत कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने इन बातों का हवाला देते हुए सीबीआई जांच के लिए कहा है. कोर्ट ने सीबीआई जांच 6 महीने में पूरी करने के आदेश दिए हैं
जस्टिस इरशाद अली ने मामले की सुनवाई अगले 6 हफ्ते बाद करना तय किया है.हाईकोर्ट ने दिए 68500 बेसिक शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच के आदेश अब जनवरी के आखिरी सप्ताह में मामले की सुनवाई होगी और सीबीआई जांच में अभी तक सामने आए तथ्यों का हाईकोर्ट द्वारा संज्ञान लिया जाएगा. हाईकोर्ट ने 6 महीने में सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया है. बता दें नवंबर में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग में 68500 पदों की सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिए. 68500 पदों की भर्ती को लेकर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की थी. कोर्ट ने कहा कि वह आंखें बंद करके नहीं बैठ सकती. जस्टिस इरशाद अली ने कहा था कि परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली एजेंसी से लेकर अफसरों तक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.यूपी शिक्षक भर्ती 2018 की CBI जांच के आदेश से 'कहीं खुशी, कहीं गम' जो अभ्यर्थी शासन की जांच में योग्य मिले उनको भी अब तक नियुक्ति नहीं मिली. इतना ही नहीं मामला जिस विभाग में गड़बड़ी से जुड़ा था, उसी के अधिकारियों को जांच समिति में शामिल किया गया. अफसरों ने पसंद के अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया और योग्य अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं तक फाड़ दी गई. उत्तर पुस्तिकाएं बदलने के बावजूद एजेंसी पर अपराधिक कृत्य के तहत कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने इन बातों का हवाला देते हुए सीबीआई जांच के लिए कहा है. कोर्ट ने सीबीआई जांच 6 महीने में पूरी करने के आदेश दिए हैं