शिक्षक भर्ती के पहले ही बीएड अभ्यर्थियों ने अपनी मेधा का परचम लहरा
दिया है। यूपी टीईटी 2018 में सबसे अधिक संख्या में बीएड अभ्यर्थी ही सफल
हुए हैं। इनके शानदार प्रदर्शन से प्राथमिक स्कूल शिक्षक बनने की नियमित
तैयारी करने वाले बीटीसी प्रशिक्षु तक पीछे छूट गए हैं। रिजल्ट प्रतिशत इस
बार बेहतर होने के बाद भी शिक्षामित्र सफल होने में तीसरे नंबर हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 72825 सहायक अध्यापक भर्ती 2011 में बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था। इसके बाद सात वर्ष तक वे प्राथमिक स्कूलों के लिए अर्ह नहीं माने गए। 26 जून 2018 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई ने बीएड को प्राथमिक शिक्षक के लिए सशर्त मौका दिया है। इसीलिए बीएड अभ्यर्थी इस बार शिक्षक पात्रता परीक्षा में बड़ी संख्या में बैठे। चार दिसंबर को जारी परिणाम में टीईटी में कुल तीन लाख 66 हजार 285 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए। इसमें अकेले बीएड अभ्यर्थी ही दो लाख 59 हजार हैं। वहीं, बीटीसी प्रशिक्षु 72 हजार ही सफल हो पाए हैं, वहीं, शिक्षामित्रों में केवल 22 हजार ही उत्तीर्ण हो सकें हैं। इसके अलावा सफल होने वाले 13 हजार अभ्यर्थियों में डीएड, उर्दू बीटीसी, चार वर्षीय बीएलएड आदि के अभ्यर्थी हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 72825 सहायक अध्यापक भर्ती 2011 में बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था। इसके बाद सात वर्ष तक वे प्राथमिक स्कूलों के लिए अर्ह नहीं माने गए। 26 जून 2018 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई ने बीएड को प्राथमिक शिक्षक के लिए सशर्त मौका दिया है। इसीलिए बीएड अभ्यर्थी इस बार शिक्षक पात्रता परीक्षा में बड़ी संख्या में बैठे। चार दिसंबर को जारी परिणाम में टीईटी में कुल तीन लाख 66 हजार 285 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए। इसमें अकेले बीएड अभ्यर्थी ही दो लाख 59 हजार हैं। वहीं, बीटीसी प्रशिक्षु 72 हजार ही सफल हो पाए हैं, वहीं, शिक्षामित्रों में केवल 22 हजार ही उत्तीर्ण हो सकें हैं। इसके अलावा सफल होने वाले 13 हजार अभ्यर्थियों में डीएड, उर्दू बीटीसी, चार वर्षीय बीएलएड आदि के अभ्यर्थी हैं।