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मोदी सरकार की नीतियों से रोजगार संकट में हुआ ईजाफा- युवा मंच , 2018 में एक करोड़ 11 लाख रोजगार खत्म होना रोजगार संकट के विस्फोटक होने का संकेत

प्रेस विज्ञप्तिः
मोदी सरकार की नीतियों से रोजगार संकट में हुआ ईजाफा- युवा मंच
2018 में एक करोड़ 11 लाख रोजगार खत्म होना रोजगार संकट के विस्फोटक होने का संकेत

इलाहाबाद, 6 जनवरी 2019, प्रधानमंत्री मोदी ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकर की नीतियों से पहले से जारी रोजगार संकट में भारी ईजाफा हुआ है। प्रतिष्ठित संस्था सीएमआईई(सेटर आफ मानिटरिंग इंडियन इकोनोमी) के 2018 में देश में एक करोड़ 11 लाख रोजगार खत्म होने के जारी किये गये आंकड़े पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा मंच के संयोजक राजेश सचान इसे रोजगार संकट के विस्फोटक होने का संकेत बताया। कहा कि कारपोरेट वित्तीय पूंजी के हो रहे चैतरफा हमले से खेती-बाड़ी, लघु-कुटीर उद्योग चैपट हुए हैं। उन्होंने कहा कि कारपोरेट घरानों को प्रति वर्ष लाखों करोड़ के कर्ज माफी, एनपीए के द्वारा लाखों करोड़ के बैंक परिसंपत्तियों की लूट की नीति को बदले बिना मौजूदा आर्थिक संकट हल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कारपोरेट कंपनियों की मुनाफाखोरी के लिए सरकारी विभागों में ठेका व आउटसोर्सिंग के द्वारा काम कराया जा रहा है और सरकारी विभागों में दसियों लाख खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कारपोरेट पर संपदा कर लगा कर रोजगार सृजन के ठोस उपाय करने एवं रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के अभियान को और तेज किया जायेगा और इसे 7 फरवरी को जंतर-मंतर में हो रहे प्रदर्शन में इसे प्रमुख मुद्दा बनाया जायेगा।
भवदीय
राजेश सचान
स्ंयोजक, युवा मंच

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