परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा अब
दोहरे मूल्यांकन नियमों के लिए भी याद की जाएगी, क्योंकि पहली बार जिन
नियमों पर उत्तर पुस्तिकाएं जांची गई उनमें से कई बिंदुओं को पुनमरूल्यांकन
में बदल दिया गया है।
मूल्यांकन व दोबारा मूल्यांकन के परीक्षक तक बदले गए हैं। अब हजारों अभ्यर्थी दूसरा परिणाम आने की राह देख रहे हैं।
शिक्षक भर्ती के लिए नौ जनवरी को जारी शासनादेश में स्पष्ट प्रावधान रहा है कि कॉपियों की पुन: जांच, पुन: आकलन व संवीक्षा आदि नहीं होगी और न ही इस संबंध में किसी तरह का आवेदन स्वीकार किया जाएगा। भर्ती का परिणाम आने पर बवाल मचा तो पहले भर्ती संस्था ने ही 23 अगस्त को शासनादेश का नियम तोड़ा और कॉपियों की दोबारा जांच करने का निर्देश जारी किया, फिर शासन ने बिना शुल्क लिए कॉपियों का पुनमरूल्यांकन कराने का निर्णय लिया। इसके लिए 10 से 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इसमें 30751 ने आवेदन किया।
उसी बीच कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके मूल्यांकन पर सवाल उठाए। 31 अक्टूबर को कोर्ट ने आदेश दिया कि जो अभ्यर्थी पुनमरूल्यांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सके हैं, वे दो सप्ताह में आवेदन कर सकते हैं व छह सप्ताह में परिणाम देने का आदेश दिया। इसी के साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिका पर पहले लिखे जवाब को काटकर फिर सही जवाब लिखा है तो उसे अंक दिए जाएं। इसी तरह से आठ बिंदुओं में पुनमरूल्यांकन के नए नियम तय किए। कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए दोबारा मूल्यांकन एससीईआरटी में कराया गया है। हालांकि कोर्ट ने दो सप्ताह की जगह दो माह तक याचियों की कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। इससे विलंब होता गया।
मूल्यांकन व दोबारा मूल्यांकन के परीक्षक तक बदले गए हैं। अब हजारों अभ्यर्थी दूसरा परिणाम आने की राह देख रहे हैं।
शिक्षक भर्ती के लिए नौ जनवरी को जारी शासनादेश में स्पष्ट प्रावधान रहा है कि कॉपियों की पुन: जांच, पुन: आकलन व संवीक्षा आदि नहीं होगी और न ही इस संबंध में किसी तरह का आवेदन स्वीकार किया जाएगा। भर्ती का परिणाम आने पर बवाल मचा तो पहले भर्ती संस्था ने ही 23 अगस्त को शासनादेश का नियम तोड़ा और कॉपियों की दोबारा जांच करने का निर्देश जारी किया, फिर शासन ने बिना शुल्क लिए कॉपियों का पुनमरूल्यांकन कराने का निर्णय लिया। इसके लिए 10 से 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इसमें 30751 ने आवेदन किया।
उसी बीच कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके मूल्यांकन पर सवाल उठाए। 31 अक्टूबर को कोर्ट ने आदेश दिया कि जो अभ्यर्थी पुनमरूल्यांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सके हैं, वे दो सप्ताह में आवेदन कर सकते हैं व छह सप्ताह में परिणाम देने का आदेश दिया। इसी के साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिका पर पहले लिखे जवाब को काटकर फिर सही जवाब लिखा है तो उसे अंक दिए जाएं। इसी तरह से आठ बिंदुओं में पुनमरूल्यांकन के नए नियम तय किए। कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए दोबारा मूल्यांकन एससीईआरटी में कराया गया है। हालांकि कोर्ट ने दो सप्ताह की जगह दो माह तक याचियों की कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। इससे विलंब होता गया।