प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा छह जनवरी को हुई है। इससे पहले ही न्यूनतम अर्हता अंक (कटऑफ) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हो गई है।
याचिका में कहा गया है कि कटऑफ अंक घोषित किए बिना ही शिक्षक भर्ती परीक्षा कराई गयी है। इससे परीक्षा का कोई औचित्य नहीं रह गया है। कोर्ट ने इस मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, बेसिक शिक्षा परिषद और प्रदेश सरकार से तीन दिन में जवाब मांगा है।
आपको बता दें कि विगत में हुई बहस में न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अनूप सिंह और 23 अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। और याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना था कि शिक्षक भर्ती 2019 की लिखित परीक्षा छह जनवरी को आयोजित होनी है। लेकिन परीक्षा से पहले कटऑफ घोषित नहीं किया गया। जबकि 68500 पदों की शिक्षक भर्ती में न्यूनतम अर्हता अंक घोषित किया था। बिना कटऑफ के परीक्षा का कोई औचित्य नहीं है। इस याचिका में एक दिसंबर 2018 को जारी सकरुलर को चुनौती दी गई है। मामले पर आगे की सुनवाई आठ जनवरी को होगी.
याचिका में कहा गया है कि कटऑफ अंक घोषित किए बिना ही शिक्षक भर्ती परीक्षा कराई गयी है। इससे परीक्षा का कोई औचित्य नहीं रह गया है। कोर्ट ने इस मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, बेसिक शिक्षा परिषद और प्रदेश सरकार से तीन दिन में जवाब मांगा है।
आपको बता दें कि विगत में हुई बहस में न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अनूप सिंह और 23 अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। और याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना था कि शिक्षक भर्ती 2019 की लिखित परीक्षा छह जनवरी को आयोजित होनी है। लेकिन परीक्षा से पहले कटऑफ घोषित नहीं किया गया। जबकि 68500 पदों की शिक्षक भर्ती में न्यूनतम अर्हता अंक घोषित किया था। बिना कटऑफ के परीक्षा का कोई औचित्य नहीं है। इस याचिका में एक दिसंबर 2018 को जारी सकरुलर को चुनौती दी गई है। मामले पर आगे की सुनवाई आठ जनवरी को होगी.