इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में राज्य सरकार द्वारा 6 जनवरी 2019 को यूपी सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में राज्य के शिक्षा मित्रों को भी शामिल होने की अनुमति दे दी है.
परन्तु इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इनके सम्बन्ध में अंतिम परिणाम टीईटी परीक्षा के परिणाम आने के बाद ही जारी किया जायेगा. यानी फिलहाल तो कोर्ट ने राज्य सरकार के परीक्षा आयोजन किये जाने के फैसले पर तो रोक नही लगाया है, परन्तु परिणाम जारी किये जाने के सम्बन्ध में कोर्ट ने बिना पूर्व में पड़े मामले पर निर्णय किये जाने के पहले जारी करने पर रोक लगा दिया है.
उल्लेखनीय है कि UPTET में पूछे गये 15 प्रश्नों पर उम्मीदवारों ने सवाल उठाये हैं. इसमें से 2 प्रश्नों को हाईकोर्ट की एकल न्यायपीठ द्वारा विशेषज्ञ राय के लिए भेजे जाने के निर्णय को विशेष अपील में चुनौती दी गई है. अपील पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था जिसके सम्बन्ध में कोर्ट द्वारा संभवतः आज निर्णय सुनाया जाना था.
अधिवक्ताओं का कहना था कि आंसर की से मिलान पर कुल 15 प्रश्नों के विकल्प या तो गलत पाए गए या एक से अधिक विकल्प सही थे. जिसमें से एक प्रश्न कोर्स से बाहर का पूछा गया था. इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी है.
इस सम्बन्ध में सुप्रीमकोर्ट का निर्णय है कि जब किसी प्रश्न को लेकर विवाद हो तो उस पर बाहर के किसी विशेषज्ञ की राय के लिए भेजा जाना चाहिए. सभी याचिकाकर्ता उम्मीदवारों द्वारा मांग की गई है कि शेष 13 प्रश्नों पर भी विशेषज्ञ राय लेने के बाद ही परिणाम जारी किया जाए. कोर्ट ने सिलेबस के बाहर पूछे गए प्रश्न पर भी दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय को सुरक्षित रखा है. याचिका में कहा गया है कि यदि इन गलत प्रश्नों को हटाकर उनके अंक दे दिए जाएं तो वे टीईटी में उत्तीर्ण हो जाएंगे तथा शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र होंगे.