बाराबंकी। फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल करने
वाले शिक्षक पर मुकदमा दर्ज करने से दो थानों की पुलिस कन्नी काट रही है।
एक दूसरे थाना क्षेत्र से मामले के जुड़े होने की बात कहकर रिपोर्ट दर्ज
कराने से मना कर दिया। ऐसे में एक सप्ताह तक दो थानों के बीच चक्कर काटने
के बाद बीईओ ने बीएसए को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
मई माह में 12460 शिक्षक भर्ती के 287 पदों के सापेक्ष 198 पद पर शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इस में फर्जी अभिलेखों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की शिकायत सांसद प्रियंका सिंह रावत ने शासन से की थी। इसके बाद हुई जांच में सूरतगंज के ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय डिहवा में तैनात शिक्षक विनोद कुुमार सोनी की टीईटी की मार्कशीट फर्जी पाई गई।
इसके बाद बीएसए ने शिक्षक की सेवाएं समाप्त करते हुए बीईओ सूरतगंज उदयमणि पटेल को आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है। क्योंकि शिक्षक विनोद कुमार सोनी ने टीईटी की मार्कसीट के स्थान पर उसके गुम होने की एफआईआर की कापी विभाग में लगा रखी थी।
मगर, जांच में मार्कसीट की द्वितीय पत्र की डिमांड की गई तो उसने जो मार्कसीट विभाग को उपलब्ध कराई वह जांच में फर्जी पाई गई है। शिक्षक पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश मिलने के बाद बीईओ सूरतगंज ने मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी। मगर, यह पुुलिस ने नियुक्ति नगर कोतवाली क्षेत्र में होने की बात कहकर मुकदमा दर्ज करने से मना गया। इसके बाद बीईओ नगर कोतवाली पहुंचा। मगर, यहां पुलिस ने शिक्षक के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में होने की बात कहकर बीईओ को वापस कर दिया।
मोहम्मदपुर खाला के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि शिक्षक की नियुक्ति नगर कोतवाली स्थित बीएसए कार्यालय में हुई। ऐसे में अपराध नगर कोतवाली क्षेत्र में कारित किया गया है। ऐसे में फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक पर नगर कोतवाली क्षेत्र में केस दर्ज होना चाहिए।
वहीं नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक धनंज्जय सिंह ने बताया कि फर्जी अभिलेख के जरिए नौकरी पाने वाले शिक्षक की तैनाती मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में है। ऐसे में उस पर मुकदमा तैनाती स्थल वाले थाने में दर्ज कराने की बात कही गई है।
इस मामले में बीएसएस वीपी सिंह ने कहा कि सूरतगंज के ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय डिहवा में तैनात शिक्षक विनोद कुुमार सोनी की टीईटी की मार्कशीट फर्जी मिलने के बाद उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। शिक्षक पर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश बीईओ को दिए गए थे। मगर, दो थानों की पुलिस एक दूसरे पर केस दर्ज करने से बच रही है। बीईओ से मिली रिपोर्ट के बाद केस दर्ज कराने के लिए एसपी को पत्र भेजा है।
मई माह में 12460 शिक्षक भर्ती के 287 पदों के सापेक्ष 198 पद पर शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इस में फर्जी अभिलेखों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की शिकायत सांसद प्रियंका सिंह रावत ने शासन से की थी। इसके बाद हुई जांच में सूरतगंज के ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय डिहवा में तैनात शिक्षक विनोद कुुमार सोनी की टीईटी की मार्कशीट फर्जी पाई गई।
इसके बाद बीएसए ने शिक्षक की सेवाएं समाप्त करते हुए बीईओ सूरतगंज उदयमणि पटेल को आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है। क्योंकि शिक्षक विनोद कुमार सोनी ने टीईटी की मार्कसीट के स्थान पर उसके गुम होने की एफआईआर की कापी विभाग में लगा रखी थी।
मगर, जांच में मार्कसीट की द्वितीय पत्र की डिमांड की गई तो उसने जो मार्कसीट विभाग को उपलब्ध कराई वह जांच में फर्जी पाई गई है। शिक्षक पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश मिलने के बाद बीईओ सूरतगंज ने मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी। मगर, यह पुुलिस ने नियुक्ति नगर कोतवाली क्षेत्र में होने की बात कहकर मुकदमा दर्ज करने से मना गया। इसके बाद बीईओ नगर कोतवाली पहुंचा। मगर, यहां पुलिस ने शिक्षक के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में होने की बात कहकर बीईओ को वापस कर दिया।
मोहम्मदपुर खाला के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि शिक्षक की नियुक्ति नगर कोतवाली स्थित बीएसए कार्यालय में हुई। ऐसे में अपराध नगर कोतवाली क्षेत्र में कारित किया गया है। ऐसे में फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षक पर नगर कोतवाली क्षेत्र में केस दर्ज होना चाहिए।
वहीं नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक धनंज्जय सिंह ने बताया कि फर्जी अभिलेख के जरिए नौकरी पाने वाले शिक्षक की तैनाती मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र में है। ऐसे में उस पर मुकदमा तैनाती स्थल वाले थाने में दर्ज कराने की बात कही गई है।
इस मामले में बीएसएस वीपी सिंह ने कहा कि सूरतगंज के ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय डिहवा में तैनात शिक्षक विनोद कुुमार सोनी की टीईटी की मार्कशीट फर्जी मिलने के बाद उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। शिक्षक पर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश बीईओ को दिए गए थे। मगर, दो थानों की पुलिस एक दूसरे पर केस दर्ज करने से बच रही है। बीईओ से मिली रिपोर्ट के बाद केस दर्ज कराने के लिए एसपी को पत्र भेजा है।