राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सरकारी विद्यालयों व भवन के निर्माण के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अब सूबे में विद्यालय व अन्य सरकारी भवनों का निर्माण बाढ़ के उच्च स्तर से अधिक ऊंचाई पर किया जायेंगा जिससे बाढ़ की स्थिति में भवन को नुकसान न हो सके.
इसके परिपेक्ष्य में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी जीएस प्रियदर्शी ने आदेश जारी कर नए निर्देश बताए हैं.
बहुदा देखा जाता है कि बरसात के दिनों में सरकारी स्कूलों व इमारतों में बारिश के दौरान अक्सर पानी भरने की तस्वीरें मिडिया पर वायरल होतीं हैं. जल भराव की स्थिति में विद्यालयों में बच्चों को अवकाश करना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी कार्यालयों का कामकाज प्रभावित होता है। पानी भरने की वजह से कर्मी ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं। और नुकसान उठाना पड़ता है.
प्रधानमंत्री ने भी दिए थे सुझाव:
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अफसरों के साथ बात की थी। उन्होंने अफसरों को कुछ आवश्यक सुझाव भी दिए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आदेश जारी किया है.
अब यह होंगे नए मानक:
सभी सार्वजनिक/सरकारी भवनों, बिल्डिंगों तथा विद्यालयों का निर्माण अब उच्च बाढ़ स्तर ( एचएफएल) से ऊपर किया जायेगा.
सरकारी भवन के निर्माण से पहले स्थल की मिट्टी का सत्यापन कराना भी अनिवार्य होगा और सत्यापन से प्राप्त रिपोर्ट तथा सेफ बियरिंग क्षमता के आधार पर ही बिल्डिंग डिजाइन होगी.
भू- परीक्षण रिपोर्ट में उल्लिखित फाउंडेशन लेवल के अनुसार ही भवन का निर्माण कराया जाएगा.
इन सभी कार्यों के लिए प्रस्ताव तैयार करते समय ही बजट का प्रावधान करना होगा.
इसके परिपेक्ष्य में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी जीएस प्रियदर्शी ने आदेश जारी कर नए निर्देश बताए हैं.
बहुदा देखा जाता है कि बरसात के दिनों में सरकारी स्कूलों व इमारतों में बारिश के दौरान अक्सर पानी भरने की तस्वीरें मिडिया पर वायरल होतीं हैं. जल भराव की स्थिति में विद्यालयों में बच्चों को अवकाश करना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी कार्यालयों का कामकाज प्रभावित होता है। पानी भरने की वजह से कर्मी ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं। और नुकसान उठाना पड़ता है.
प्रधानमंत्री ने भी दिए थे सुझाव:
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अफसरों के साथ बात की थी। उन्होंने अफसरों को कुछ आवश्यक सुझाव भी दिए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आदेश जारी किया है.
अब यह होंगे नए मानक:
सभी सार्वजनिक/सरकारी भवनों, बिल्डिंगों तथा विद्यालयों का निर्माण अब उच्च बाढ़ स्तर ( एचएफएल) से ऊपर किया जायेगा.
सरकारी भवन के निर्माण से पहले स्थल की मिट्टी का सत्यापन कराना भी अनिवार्य होगा और सत्यापन से प्राप्त रिपोर्ट तथा सेफ बियरिंग क्षमता के आधार पर ही बिल्डिंग डिजाइन होगी.
भू- परीक्षण रिपोर्ट में उल्लिखित फाउंडेशन लेवल के अनुसार ही भवन का निर्माण कराया जाएगा.
इन सभी कार्यों के लिए प्रस्ताव तैयार करते समय ही बजट का प्रावधान करना होगा.