Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

UP Assistant Teacher Recruitment : परीक्षा कल, हाईकोर्ट ने तलब की टीईटी 2018 की OMR शीट

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी 2018 के अभ्यर्थियों की अपील स्वीकार करने के साथ ही प्रदेश में कल होने वाली सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा को जारी रखने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद की कल होने वाली 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा अपने समय से होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज अपने फैसले में आवेदक यानी याचियों को प्राविधिक रूप से सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में बैठने देने का निर्देश है। उनका रिजल्ट याचिका के फैसले के अधीन होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने 11 जनवरी को टीईटी 2018 की ओएमआर सीट की तलब है। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने विशेष अपील की सुनवाई करते हुए दिया है। डबल बेंच ने कल फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इससे पहले एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दाखिल करने पर डबल बेंच का निर्णय सुरक्षित रखा गया था। 69 हजार शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के ऐन मौके पर यूपी टीईटी 2018 में पूछे गए सवालों के गलत जवाब का मामला फिर सतह पर आ गया है। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल विशेष अपील पर कल हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। आज अवकाश होने के बाद भी हाईकोर्ट ने इस मामले का फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल कर एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें कोर्ट ने 15 प्रश्नों पर विवाद के बजाए दो पर ही विशेषज्ञ राय लेने का आदेश दिया था। हिमांशु कुमार समेत दर्जनों अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ में हुई। याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और सीमांत सिंह का कहना था कि टीईटी 2018 में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से जारी उत्तर कुंजी से मिलान करने पर 15 सवालों के उत्तर अभ्यर्थियों ने गलत पाए। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
एकल पीठ ने बुकलेट सीरीज 'ए' के संस्कृत विषय के प्रश्न संख्या 66 और उर्दू विषय के प्रश्न संख्या 65 को ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की राय लेने का आदेश दिया, बाकी 13 विवादित प्रश्नों पर कोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों की राय मान ली। जबकि शीर्ष कोर्ट का आदेश है कि जिन प्रश्नों पर विवाद हो उनको विशेषज्ञ राय के लिए भेजा जाए। खंडपीठ ने विशेष अपील पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया है। अब फैसला शनिवार को आएगा।
पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों पर हुई बहस
अधिवक्ता ने बताया कि दाखिल विशेष अपील पर हुई बहस में पाठ्यक्रम के बाहर से पूछे गए प्रश्नों और जिन प्रश्नों के सभी उत्तर विकल्प गलत थे उनका मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। इन प्रश्नों के विवाद को परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों ने नहीं माना था।

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts