केन्द्रीयकृत E-पोर्टल बनाएगी केंद्र सरकार, इसमें ई-कंटेंट्स की होगी भरमार, छात्रों को होगा लाभ
उत्तर प्रदेश के सरकारी राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लाखों छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। अब वे घर बैठे प्रदेश भर के विषय विशेषज्ञों का लाभ ले सकेंगे।
शासन ने इसके लिए एक केंद्रीयकृत पोर्टल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें ई-कंटेंट्स अपलोड किए जाएंगे। इस बाबत प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से उच्च शिक्षा निदेशक और सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों के साथ भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षा को सुगम बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने ई-कंटेंट्स को एक केंद्रीयकृत पोर्टल के माध्यम से प्रदेश स्तर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है और इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक विश्वविद्यालय/महाविद्यालय अपने शिक्षकों का द्वारा विकसित किए हुए ई-कंटेंट्स की सूची तैयार कर लें और विभागाध्यक्ष अथवा डीन से इसके महत्व एवं उपयोगिता की परख करवा लें। इसमें विभिन्न माध्यमों जैसे, पीडीएफ, वीडियो, ऑडियो एवं पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन आदि में उपलब्ध ई-कंटेंट्स शामिल किए जा सकते हैं।
विश्वविद्यालय/महाविद्यालय स्तर पर जो ई-कंटेंट्स उच्च कोटि के पाए जाएं, उनकी सूची उप निदेशक रूसा संजय दिवाकर को उपलब्ध करा दी जाए। सूची में ई-कंटेंट के विषय, मेटाडाटा आदि के विवरण का उल्लेख किया जाए। साथ ही ई-कंटेंट्स को तैयार करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि बौद्धिक संपदा अधिकार एवं कॉपीराइट अधिकार अधिनियम का पूर्णत: पालन किया जा रहा हो। ई-कंटेंट्स में अगर किसी विशेष पुस्तक, जर्नल आदि का उल्लेख किया गया है तो ई-कंटेंट के अंत में अनिवार्य रूप से इसका उल्लेख किया जाए।
डाटा तैयार करते समय विशेष रूप से विषय का नाम, टॉपिक का नाम, सब टॉपिक का नाम, कोर्स का नाम, कोर्स का वर्ष खासतौर पर इंगित किया जाए, ताकि छात्र-छात्राएं किसी भी माध्यम से सर्च कर वांछित समग्री को प्राप्त कर सकें। प्रमुख सचिव का कहना है कि पोर्टल विकसित करने का कार्य शुरू किया जा चुका है, सो सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय ई-कंटेंट्स की सूची तत्काल उपलब्ध करा दें।
उत्तर प्रदेश के सरकारी राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लाखों छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। अब वे घर बैठे प्रदेश भर के विषय विशेषज्ञों का लाभ ले सकेंगे।
शासन ने इसके लिए एक केंद्रीयकृत पोर्टल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें ई-कंटेंट्स अपलोड किए जाएंगे। इस बाबत प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से उच्च शिक्षा निदेशक और सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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प्रमुख सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों के साथ भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षा को सुगम बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने ई-कंटेंट्स को एक केंद्रीयकृत पोर्टल के माध्यम से प्रदेश स्तर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है और इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक विश्वविद्यालय/महाविद्यालय अपने शिक्षकों का द्वारा विकसित किए हुए ई-कंटेंट्स की सूची तैयार कर लें और विभागाध्यक्ष अथवा डीन से इसके महत्व एवं उपयोगिता की परख करवा लें। इसमें विभिन्न माध्यमों जैसे, पीडीएफ, वीडियो, ऑडियो एवं पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन आदि में उपलब्ध ई-कंटेंट्स शामिल किए जा सकते हैं।
विश्वविद्यालय/महाविद्यालय स्तर पर जो ई-कंटेंट्स उच्च कोटि के पाए जाएं, उनकी सूची उप निदेशक रूसा संजय दिवाकर को उपलब्ध करा दी जाए। सूची में ई-कंटेंट के विषय, मेटाडाटा आदि के विवरण का उल्लेख किया जाए। साथ ही ई-कंटेंट्स को तैयार करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि बौद्धिक संपदा अधिकार एवं कॉपीराइट अधिकार अधिनियम का पूर्णत: पालन किया जा रहा हो। ई-कंटेंट्स में अगर किसी विशेष पुस्तक, जर्नल आदि का उल्लेख किया गया है तो ई-कंटेंट के अंत में अनिवार्य रूप से इसका उल्लेख किया जाए।
डाटा तैयार करते समय विशेष रूप से विषय का नाम, टॉपिक का नाम, सब टॉपिक का नाम, कोर्स का नाम, कोर्स का वर्ष खासतौर पर इंगित किया जाए, ताकि छात्र-छात्राएं किसी भी माध्यम से सर्च कर वांछित समग्री को प्राप्त कर सकें। प्रमुख सचिव का कहना है कि पोर्टल विकसित करने का कार्य शुरू किया जा चुका है, सो सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय ई-कंटेंट्स की सूची तत्काल उपलब्ध करा दें।
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