वेतनभोगियों के हिस्से आईं मामूली रियायतें
इस बजट में आम वेतनभोगी मध्य वर्ग के लिए अच्छे दिन नहीं आए।
इस बजट में आम वेतनभोगी मध्य वर्ग के लिए अच्छे दिन नहीं आए।
आयकर स्लैब में बदलाव नहीं हुआ। हालांकि कर छूट की कुछ राहतें जरूर मिलीं
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे बजट में आम आदमी (वेतनभोगी वर्ग) के लिए भले ही अच्छे दिन नहीं आए हों, लेकिन उद्योग जगत के लिए उल्लेखनीय रियायतों की घोषणा तो की ही गई, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए भी रोडमैप तैयार कर दिया गया।
इसमें एक ओर जहां कारपोरेट टैक्स की दर को 30 से घटा कर 25 फीसदी तक लाने की बात है तो वहीं दूसरी तरफ संपत्ति कर को खत्म कर दिया गया है। वेतनभोगी वर्ग को परिवहन व्यय (ट्रांसपोर्ट अलाउंस) पर मिल रही कर छूट में थेाड़ी सी राहत मिली है, साथ ही स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम की बढ़ी हुई राशि पर भी कर छूट का प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि वेतनभोगियों को अब हर माह 800 रुपये के बजाय 1,600 रुपये पर परिवहन व्यय के रूप में कर छूट मिलेगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम में हर वर्ष 15,000 रुपये के बजाय 25,000 (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 30,000) रुपये पर आयकर की धारा-80डी में छूट मिलेगी। कुछ विशेष रोग के उपचार के खर्च में पहले 60,000 रुपये तक पर जो छूट मिलती थी, उसे बढ़ा कर 80,000 रुपये कर दिया गया है।
पेंशन योजनाओं में विनियोग पर भी साल में 50,000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन प्रदान किया गया है। इन सबको जोड़ कर साल में 4,44,200 रुपये की टैक्स फ्री आय बनती है।
वित्त मंत्री ने यूं तो वैयक्तिक आय कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश की गई राशि पर धारा 80 सी के तहत छूट दे दी।
कारपोरेट जगत को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय जो 30 फीसदी का कारपोरेट टैक्स लगता है, उसे चार वर्षों की अवधि में घटा कर 25 फीसदी कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने जीएसटी के लिए रोडमैप बनाते हुए केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े कानूनों को सरल कर इस पर लगने वाले तमाम उपकरों को खत्म कर दिया। साथ ही उन्होंने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की दर 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 12.5 फीसदी और सेवा कर की दर भी 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 14 फीसदी कर दी।
•प्रतिमाह 800 रुपये के बजाय 1,600 रुपये पर ट्रांसपोर्ट अलाउंस के रूप में मिलेगी कर छूट
•विकलांग व्यक्तियों के लिए 25,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती
•सुकन्या समृद्धि योजना में राशि देने पर कर दाताओं को मिलेगी आयकर में
ब्याज भुगतान सहित लाभार्थियों को मिलेगी पूरी छूट
मैं इस बजट को दस में से साढ़े सात अंक दूंगा। हालांकि यह बेहद संतुलित बजट है, लेकिन इस बजट को लेकर बाजार की उम्मीदें बहुत ज्यादा थीं। ऐसे में बाजार में 5-6 फीसदी तक गिरावट आ सकती है। यह बजट विजनरी डाक्यूमेंट के आसपास नहीं है, जिसके बारे में लोग बात कर रहे हैं। कुल मिला कर मेरा अब भी यह मानना है कि यह संतुलित बजट है।
-नितिन जैन, सीईओ, रिटेल कैपिटल मार्केट्स एंड ग्लोबल असेट मैनेजमेंट, इडेलवाइस
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे बजट में आम आदमी (वेतनभोगी वर्ग) के लिए भले ही अच्छे दिन नहीं आए हों, लेकिन उद्योग जगत के लिए उल्लेखनीय रियायतों की घोषणा तो की ही गई, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए भी रोडमैप तैयार कर दिया गया।
इसमें एक ओर जहां कारपोरेट टैक्स की दर को 30 से घटा कर 25 फीसदी तक लाने की बात है तो वहीं दूसरी तरफ संपत्ति कर को खत्म कर दिया गया है। वेतनभोगी वर्ग को परिवहन व्यय (ट्रांसपोर्ट अलाउंस) पर मिल रही कर छूट में थेाड़ी सी राहत मिली है, साथ ही स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम की बढ़ी हुई राशि पर भी कर छूट का प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि वेतनभोगियों को अब हर माह 800 रुपये के बजाय 1,600 रुपये पर परिवहन व्यय के रूप में कर छूट मिलेगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम में हर वर्ष 15,000 रुपये के बजाय 25,000 (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 30,000) रुपये पर आयकर की धारा-80डी में छूट मिलेगी। कुछ विशेष रोग के उपचार के खर्च में पहले 60,000 रुपये तक पर जो छूट मिलती थी, उसे बढ़ा कर 80,000 रुपये कर दिया गया है।
पेंशन योजनाओं में विनियोग पर भी साल में 50,000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन प्रदान किया गया है। इन सबको जोड़ कर साल में 4,44,200 रुपये की टैक्स फ्री आय बनती है।
वित्त मंत्री ने यूं तो वैयक्तिक आय कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश की गई राशि पर धारा 80 सी के तहत छूट दे दी।
कारपोरेट जगत को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय जो 30 फीसदी का कारपोरेट टैक्स लगता है, उसे चार वर्षों की अवधि में घटा कर 25 फीसदी कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने जीएसटी के लिए रोडमैप बनाते हुए केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े कानूनों को सरल कर इस पर लगने वाले तमाम उपकरों को खत्म कर दिया। साथ ही उन्होंने केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की दर 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 12.5 फीसदी और सेवा कर की दर भी 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 14 फीसदी कर दी।
•प्रतिमाह 800 रुपये के बजाय 1,600 रुपये पर ट्रांसपोर्ट अलाउंस के रूप में मिलेगी कर छूट
•विकलांग व्यक्तियों के लिए 25,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती
•सुकन्या समृद्धि योजना में राशि देने पर कर दाताओं को मिलेगी आयकर में
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मैं इस बजट को दस में से साढ़े सात अंक दूंगा। हालांकि यह बेहद संतुलित बजट है, लेकिन इस बजट को लेकर बाजार की उम्मीदें बहुत ज्यादा थीं। ऐसे में बाजार में 5-6 फीसदी तक गिरावट आ सकती है। यह बजट विजनरी डाक्यूमेंट के आसपास नहीं है, जिसके बारे में लोग बात कर रहे हैं। कुल मिला कर मेरा अब भी यह मानना है कि यह संतुलित बजट है।
-नितिन जैन, सीईओ, रिटेल कैपिटल मार्केट्स एंड ग्लोबल असेट मैनेजमेंट, इडेलवाइस
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