विज्ञापन में गलत तरह से आरक्षण : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

लेखपाल भर्ती विज्ञापन में गलत तरह से आरक्षण , जिलों को रिक्तियों के आधार पर अब करना होगा आरक्षण
लखनऊ। तीन साल की लंबी तैयारी के बाद लेखपाल भर्ती के विज्ञापन निकलवाए गए तो वह भी आरक्षण के नियमों की मनमाने तरीके से व्याख्या करके। पहले ही स्टेप पर राजस्व परिषद की चूक उजागर हो गई है। जिलों को अब कुल पदों के बजाय रिक्त पदों पर आरक्षण की गणना करनी होगी। इसके बाद नया विज्ञापन निकालकर आरक्षित पदों का नया ब्यौरा देते हुए यह गलती सुधारी जाएगी। राजस्व परिषद ने जिलाधिकारियों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिया है।

जानकार बताते हैं कि लेखपाल भर्ती का विज्ञापन निकालने के लिए राजस्व परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौखिक तौर पर कुल पदों के आधार पर आरक्षण का निर्धारण कर रिक्तियों का विज्ञापन निकालने को कहा था। लेकिन भर्ती में आरक्षण निर्धारण की कार्यवाही के लिए शासन स्तर से समय-समय पर जारी शासनादेश भी भेज दिए।

जिलाधिकारियों ने परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर 15 से 20 जून के बीच विज्ञापन तो निकाल दिए लेकिन कई ने परिषद ये स्पष्ट सवाल भी पूछ लिया कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की गणना संवर्ग में कुल स्वीकृत पदों के सापेक्ष होगी या कुल रिक्त विज्ञापित पदों के सापेक्ष। इसके बाद राजस्व परिषद के चेयरमैन अनिल कुमार गुप्त ने प्रमुख सचिव नियुक्ति राजीव कुमार से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा। अब प्रमुख सचिव के मार्गदर्शन के बाद परिषद की चूक खुलकर सामने आ गई है।

प्रमुख सचिव कार्मिक ने स्पष्ट किया है कि जिलों में लेखपाल संवर्ग के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में आरक्षण की गणना कुल रिक्ति विज्ञापित पदों के सापेक्ष होगी। मसलन, यदि कुल रिक्त विज्ञापित पद 100 हैं तो अन्य पिछड़े वर्ग के लिए अधिकतम 27, अनुसूचित जाति के लिए अधिकतम 21 और अनुसूचित जनजातियों के लिए अधिकतम दो पद आरक्षित होंगे। इससे निकाले गए विज्ञापन की पूरी स्थिति ही पलट गई है। कुल पदों को आधार बनाए जाने से कहीं सामान्य के पद सीमा से अधिक आ रहे थे तो कहीं ओबीसी व एससी के।

अब नए विज्ञापन में रिक्त पदों का 50% अनारक्षित वर्ग के लिए, 21% एससी के लिए, 2% एसटी के लिए व 27% अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए तय करना होगा। राजस्व परिषद ने जिलाधिकारियों को नए दिशानिर्देश भेज दिए हैं। नए निर्देशों के अनुरूप विज्ञापन का शुद्धिपत्र जारी कर वेबसाइट पर भी अपडेट करना होगा।

बदल जाएगा पूरा समीकरण

राजस्व परिषद के नए निर्देश के बाद ज्यादातर जिलों में आरक्षण का गुणाभाग पूरी तरह बदल जाएगा। पहले आजमगढ़ में विज्ञापित 654 पदों पर 422 अनारक्षित घोषित किए गए थे। नई व्यवस्था में अनारक्षित पदों की संख्या किसी भी सूरत में 327 से ज्यादा नहीं होगी। इसी तरह बाकी वर्गों के लिए भी आरक्षित पदों की संख्या बदल जाएगी। दूसरी ओर जौनपुर में विज्ञापित 580 पदों में से अनारक्षित पदों की संख्या सिर्फ 167 थी। अब यह बढ़कर 290 हो जाएगी।

नई रिक्ति निकालने में यह भी रखेंगे ध्यान

यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कार्यरत कर्मियों में किसी विशेष आरक्षित वर्ग की संख्या निर्धारित आरक्षण प्रतिशत से अधिक हो तो सबसे पहले देखा जाएगा कि क्या उनमें से कुछ ऐसे आरक्षित कर्मी अपनी मेरिट के आधार पर पूर्व में सामान्य वर्ग में तो नहीं चयनित हुए थे। यदि ऐसी स्थिति बनती है तो ऐसे आरक्षित कर्मियों को सामान्य वर्ग में शामिल कर, शेष कर्मियों में आरक्षित वर्ग की गणना की जाएगी। इस गणना के बाद भी यदि ऐसे आरक्षित वर्ग की संख्या अधिनियम में निर्धारित आरक्षण प्रतिशत से अधिक है तो चालू सामान्य भर्ती प्रक्रिया में ऐसे आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व उस सीमा तक कम कर दिया जाएगा। इसके लिए कार्यरत कर्मियों तथा कुल रिक्त विज्ञापित पदों को जोड़ते हुए इस वर्ग के लिए कुल आरक्षित पदों की जो संख्या आती है, उसमें से इस वर्ग के आरक्षित पदों पर कार्यरत कर्मियों की संख्या घटाने से जो पद बचेंगे उसे ही इस आरक्षित वर्ग के लिए रखा जाएगा।
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