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चयन प्रक्रिया पर सवाल : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

इलाहाबाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्तियां रद किए जाने के कारण सरकार की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। महज एक माह के भीतर ही दो चयन संस्थाओं में पांच नियुक्तियां रद करने का आदेश सरकार के लिए वह कड़वा घूंट है जो उसे मजबूरन निगलना पड़ रहा है।
हाई कोर्ट के निर्देश साफ इशारा करते हैं कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के वैधानिक पदों पर नियुक्तियां करते समय सरकार आखें बंद किए हुए थी।


संयोग ही है कि हाई कोर्ट ने जिन दो अध्यक्षों पहले एलबी पांडेय और अब सनिल कुमार को योग्यता की कसौटी पर सही नहीं पाया है, उन्होंने एक ही दिन 20 जुलाई को पदभार संभाला था। दोनों की स्थितियां भी कमोबेश एक जैसी ही थीं। चयन बोर्ड में तीन सदस्यों के काम करने पर रोक लगी हुई थी तो उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तीन सदस्यों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही थी। दोनों ने ही ऐसे कार्यवाहक अध्यक्षों से पदभार ग्रहण किया जिनके चयन पर विवाद था। उस समय भी यह बात उठी कि दोनों अध्यक्ष चयन मापदंड पर खरे नहीं उतरते हैं। जाहिर है, दोनों ही पदों पर चयन करते समय योग्यता के मानदंड की अनदेखी की गई। एलबी पांडेय महज तीन माह काम कर सके तो सनिल लगभग साढ़े तीन माह।

कमोबेश यही हाल सदस्यों की नियुक्तियों में भी रहा। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही यह बात प्रकाश में आई कि चयन बोर्ड में एक ऐसे व्यक्ति को दोबारा सदस्य बनाया गया जो कभी क्लर्क था और बाद में क्राफ्ट का शिक्षक बना। ऐसे ही उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में ऐसे व्यक्ति को सदस्य बनाया गया जो प्राचार्य पद के साक्षात्कार में खारिज हो चुका था। विवादित सदस्यों को चयन प्रक्रिया का मुखिया बनाने में भी सरकार ने परहेज नहीं किया। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में डा.रामवीर सिंह कई महीने कार्यवाहक अध्यक्ष रहे तो चयन बोर्ड में अनीता यादव ने कार्यवाहक की कुर्सी संभाली। इनमें रामवीर सिंह की नियुक्ति रद हो चुकी है जबकि अनीता यादव के कामकाज पर रोक है। विडंबना यह कि दोनों ही परीक्षा संस्थाओं में अयोग्य घोषित हुए सदस्यों ने ही कई अहम फैसले लिए। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों की परीक्षा में उन तीन सदस्यों की खास भूमिका रही जिन्हें बाद में हटाया गया। इसी तरह चयन बोर्ड में टीजीटी-पीजीटी के आठ हजार से अधिक पदों की परीक्षा में उन तीन सदस्यों का खास योगदान रहा जिनके काम करने पर रोक लगी हुई है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय पदाधिकारी डा. शैलेश कुमार पांडेय कहते हैं कि ऐसी स्थिति में परीक्षाओं की शुचिता पर भी सवाल उठेंगे।
कब किसकी नियुक्ति रद

-पांच जुलाई : माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड के तीन सदस्यों के काम करने पर रोक।

-सात सितंबर : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तीन सदस्य रामवीर सिंह यादव, रूदल यादव और एके सिंह की नियुक्ति रद।

-22 सितंबर : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष लाल बिहारी पांडेय हटाए गए।

-पांच अक्टूबर : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष सनिल कुमार को हटाने का आदेश।
 


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