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प्रामाणिकता की जिम्मेदारी राज्य सरकार की , शिक्षामित्रों ने किया छूट का दावा

प्रामाणिकता की जिम्मेदारी राज्य सरकार की
यूपी सरकार ने 14 जनवरी 2011 को एनसीटीई से अप्रशिक्षित शिक्षकों को ट्रेनिंग की मंजूरी मांगी थी, जो हमने दे दी थी। कानून में साफ है कि सिर्फ 25 अगस्त 2010 के पहले तैनात शिक्षकों के लिए टीईटी जरूरी नहीं है। यही स्थिति अब भी है। शिक्षामित्रों की तैनाती की रीति-नीति की प्रामाणिकता की जिम्मेदारी पूरी तरह राज्य सरकार की है।

-जुगलाल सिंह, सदस्य सचिव, एनसीटीई
यूपी सरकार ने एसएलपी दाखिल की
अब सुप्रीम कोर्ट में तय होगा शिक्षामित्रों का भविष्य
एनसीटीई के जवाब के बाद भी शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन को लेकर संशय बरकरार हैं। इसे देखते हुए यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के खिलाफ बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने मंगलवार को शीर्ष कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल की। शिक्षामित्रों का भविष्य अब सुप्रीम कोर्ट के रुख पर निर्भर करेगा।


शिक्षामित्रों ने किया छूट का दावा
शिक्षामित्रों के नेता गाजी इमाम आला, जितेंद्र कुमार शाही, अनिल कुमार वर्मा ने दावा किया है कि एनसीटीई ने टीईटी से छूट दे दी है, इसलिए शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है।

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