बीटीसी 2015 दाखिले पर ऊहापोह,आगरा जिले में काउंसिलिंग व कालेज आवंटन के लिए कटऑफ जारी

बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट यानी बीटीसी 2015 में पहले अल्पसंख्यक कालेजों को ऐन वक्त पर मान्यता मिलने से प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हुआ, अब हाईकोर्ट ने इन कालेजों के संचालन पर रोक लगा दी है इससे फिर
दाखिले में उलटफेर होने की उम्मीद जगी है।
तमाम जिलों में ऊहापोह बना है, वहीं आगरा आदि में तो नए सिरे से काउंसिलिंग कराई जा रही है।
प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर बीते 22 सितंबर से पहले तक बीटीसी 2015 के लिए युवाओं को दाखिला देना था।
अंतिम चरण में एकाएक केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक कालेजों की सूची जारी कर दी इससे दाखिले की प्रक्रिया गड़बड़ा गई, क्योंकि अल्पसंख्यक कालेजों में दाखिला डायट से नहीं बल्कि कालेज प्रबंधन ही करता है। एकाएक मेरिट बढ़ाने से बड़ी संख्या में युवाओं का चयन नहीं हो सका। वहीं रही-सही कसर डायट के प्राचार्य एवं वहां के स्टाफ ने पूरी कर दी, उन्होंने वरीयता क्रम की अनदेखी करके निजी कालेज आवंटन में खूब हेराफेरी की। इसके विरोध में आगरा में खूब प्रदर्शन हुआ, वहीं इलाहाबाद में भी युवाओं ने अफसरों से मिलकर नाराजगी जताई और कुछ प्रकरण हाईकोर्ट तक पहुंचे। कोर्ट ने अभ्यर्थी को प्रवेश देने का निर्देश दिया है। वहीं आगरा में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए दोबारा काउंसिलिंग कराने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए। वहां कटऑफ जारी करके अभ्यर्थी बुलाए गए हैं। इसी तरह प्रतापगढ़ एवं लखनऊ में भी खूब प्रदर्शन हुए। प्रतापगढ़ में भी कालेज आवंटन के नाम पर वसूली हुई। ऐसे ही अन्य जिलों से भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को शिकायतें मिली हैं।
आगरा को छोड़कर कहीं पर भी शिकायतों पर अमल नहीं हुआ है। यही नहीं अब यह संकट खड़ा हो गया है कि नए अल्पसंख्यक कालेजों के इस सत्र में संचालन पर रोक से खाली सीटों पर अभ्यर्थी बुलाए जाएं या फिर शीर्ष कोर्ट के आदेश को मानते हुए अब कोई बदलाव न किया जाए। उलटफेर में प्रदेश के कई जिलों में नए अभ्यर्थियों को मौका मिल सकता है, क्योंकि जहां पर जितने नए कालेजों को मौका मिला है वहां उतने ही अर्ह अभ्यर्थी बाहर किए गए हैं।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق