इलाहाबाद : पहले प्रशिक्षुओं की मेधा के आधार पर कॉलेज की रैंक तय करने का आदेश हुआ। अब प्रवक्ताओं की पहचान रिपोर्ट मांगी गई है। प्रदेश भर में शिक्षक तैयार करने की फैक्टरी में तब्दील हो रहे निजी बीटीसी
कॉलेजों पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है।
शिक्षा देने के नाम खुले कॉलेजों में तालाबंदी का खतरा मंडरा है, इसीलिए संस्थान प्रबंधन जवाब देने से बच रहे हैं। संस्थान प्रशिक्षुओं या प्रवक्ता में से किसी की भी रिपोर्ट देने पर खुद सवालों के घेरे में आ रहे हैं। सख्ती के कारण निजी कॉलेजों में दाखिला लेकर गायब अभ्यर्थी भी अब परेशान हैं।
एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने ग्रेडिंग के लिए सबसे पहले 19 अगस्त को आदेश जारी किया। इसके बाद 12 सितंबर, 28 सितंबर और 19 अक्टूबर को अनुस्मारक जारी हुआ कि ग्रेडिंग की सूचना वेबसाइट पर अपलोड की जाए, लेकिन डायट से लेकर कालेज प्रबंधन तक लगातार अनदेखी कर रहे हैं।
सात नवंबर को फिर आदेश जारी हुआ है कि तय प्रोफार्मा पर सारी सूचनाएं देकर 12 दिसंबर तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव की वेबसाइट पर ग्रेडिंग प्रदर्शित करें। परीक्षा नियामक ने भी इस संबंध में निर्देश दिए हैं, लेकिन हर कोई जवाब देने से बच रहा है। अब प्रवक्ताओं का आइडी प्रूफ मांगकर शिकंजा और कसा गया है, लेकिन जवाब देने की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं हुआ है।
रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि डायट प्राचार्यो को सचिव की ओर से सख्त निर्देश जारी हुए हैं कि सूचनाएं अपलोड करें, अन्यथा ऐसे कालेजों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
कॉलेजों पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है।
शिक्षा देने के नाम खुले कॉलेजों में तालाबंदी का खतरा मंडरा है, इसीलिए संस्थान प्रबंधन जवाब देने से बच रहे हैं। संस्थान प्रशिक्षुओं या प्रवक्ता में से किसी की भी रिपोर्ट देने पर खुद सवालों के घेरे में आ रहे हैं। सख्ती के कारण निजी कॉलेजों में दाखिला लेकर गायब अभ्यर्थी भी अब परेशान हैं।
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एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने ग्रेडिंग के लिए सबसे पहले 19 अगस्त को आदेश जारी किया। इसके बाद 12 सितंबर, 28 सितंबर और 19 अक्टूबर को अनुस्मारक जारी हुआ कि ग्रेडिंग की सूचना वेबसाइट पर अपलोड की जाए, लेकिन डायट से लेकर कालेज प्रबंधन तक लगातार अनदेखी कर रहे हैं।
सात नवंबर को फिर आदेश जारी हुआ है कि तय प्रोफार्मा पर सारी सूचनाएं देकर 12 दिसंबर तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव की वेबसाइट पर ग्रेडिंग प्रदर्शित करें। परीक्षा नियामक ने भी इस संबंध में निर्देश दिए हैं, लेकिन हर कोई जवाब देने से बच रहा है। अब प्रवक्ताओं का आइडी प्रूफ मांगकर शिकंजा और कसा गया है, लेकिन जवाब देने की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं हुआ है।
रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि डायट प्राचार्यो को सचिव की ओर से सख्त निर्देश जारी हुए हैं कि सूचनाएं अपलोड करें, अन्यथा ऐसे कालेजों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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