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शिक्षकों के नाम पर फर्जीवाड़ा होगा निराधार

MEERUT । शिक्षकों के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। यूजीसी ने सभी शिक्षकों को आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया है।
अब यूनिवर्सिटीज व कॉलेज के शिक्षकों का ब्योरा यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा, जिसे एक शिक्षक एक कॉलेज में आवेदन के बाद कई कॉलेजों में आवेदन नहीं कर पाएंगे। ऐसे में फर्जी तरीके से चल रहे कॉलेजों की मान्यता पर भी प्रभाव पड़ेगा।

नहीं कर पाएंगे फर्जीवाड़ा
यूजीसी के नियमानुसार कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज के किसी भी विषय की मान्यता लेने के लिए उस विषय के अर्ह शिक्षक की आवश्यकता होती है। जिसके नाम पर यूनिवर्सिटी में अनुमोदन होता है। उसके बाद ही विषय की मान्यता कॉलेज को मिलती है। इसी आड़ में तमाम कॉलेज अन्य कॉलेजों के अनुमोदित शिक्षको के नाम पर विषयों की मान्यता ले रहे हैं। यूजीसी के पास देशभर से ऐसी 100 से अधिक शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें कॉलेजों द्वारा शिक्षकों के कागजात लगाकर या अन्य कॉलेजों के शिक्षकों के नाम पर मान्यता लेने के मामले सामने आए है। इसके चलते ही यूजीसी ने कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज को ये निर्देश दिए हैं।

समय- समय पर होगी जांच
यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को कॉलेजों की वेबसाइट पर स्टाफ का ब्यौरा हर छह मंथ में चेक करने के निर्देश दिए है। साथ ही जांच करके मिलान को भी कहा गया है। वहीं, ये भी ध्यान रखा जाए कि कोई भी एक आधार कार्ड, पैन कार्ड व डॉक्यूमेंट कई बार अप्लाई न किया गया हो। इसके अलावा कॉलेजों को बैंकों से सैलरी लिंक जोड़ने का भी निर्देश दिए है। ताकि पूरी जानकारी मिलती रहे।

सिर्फ डॉक्यूमेंट होते थे जमा
इससे पहले कॉलेजों में जॉब के लिए पहले डॉक्यूमेंट और एड्रेस प्रूफ आदि जमा किए जाते थे। जिसके चलते कागजात का गुपचुप तरीके से कॉलेज यूज कर लेते थे, लेकिन अब पैन कार्ड व आधार कार्ड के लिंक से ऐसा होना असंभव होगा।

क्या कहते है एक्सपर्ट
आधार कार्ड से शिक्षको को जोड़ने का अच्छा फैसला है, इससे शिक्षण पद्वति में पारदर्शिता बनेगी, कोई भी फर्जीवाड़ा नहीं होगा।

डॉ। जे.एस नेगी, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी
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