उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनावी शोर थम गया है, जहां 12 जिलों की 69 सीटों पर 19 फरवरी रविवार को मतदान होगा। इस चरण में भाजपा की ठोस चुनावी रणनीति के के सामने सपा को अपना गढ़ बचाने की बड़ी चुनौती होगी, जहां अखिलेश सरकार के मंत्रियों के अलावा मुलायम परिवार की साख के साथ प्रमुख दलों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
यही कारण है कि सपा को अपने गढ़ को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती हैं। इन सीटों पर पिछले 2012 के चुनावों में सपा ने शानदार परचम लहराया था, जिसे 55 सीटें मिली थी,जबकि भाजपा को पांच, बसपा को छह, कांग्रेस को दो और एक सीट निर्दलीय के हाथ लगी थी। भाजपा की चुनावी रणनीति में इटावा, मैनपुरी जैसे जिलों में पीएम मोदी व अमित शाह से लेकर राजनाथ,उमा भारती, स्वामी प्रसाद मौर्य, केशव मौर्य सपा के गढ़ में ताबड़ तोड़ रैलियां कर सेंध लगाने में अंतिम क्षणों तक जुटे रहे हैं।
दांव पर इन दिग्गजों की साख
तीसरे चरण में लखनऊ और आसपास के जिलों में होने वाले चुनाव को देखते हुए सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने सबसे ज्यादा मुलायम परिवार में हुए झगड़े का खामियाजा भुगतने का डर है। इसलिए लखनऊ और इटावा जिलों की सीटों को लेकर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर है, जहां मुलायम की बहु अर्पणा यादव के अलावा परिवार के शिवपाल यादव और रिश्ते के भाई अनुराग यादव भी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं अखिलेश सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्रियों रविदास मेहरोत्रा, अभिषेक मिश्रा, अरविन्द सिंह गोप, फरीद महफूज किदवाई व राजा राजीव कुमार सिंह जैसों दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा की दल बदलकर आए बृजेश पाठक, रीता बहुगुणा जोशी की उम्मीदवारों के अलावा बेटे आशुतोष के लिए लालजी टंडन, प्रदेश महिला शाखा की अध्यक्ष स्वाति सिंह, पत्नी जयदेवी के लिए भाजपा सांसद कौशल किशोर के अलावा बसपा के पूर्व मंत्री आरके चौधरी के अलावा बेटे कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के लिए राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया की साख भी दांव पर है।
इन जिलों में होगा मतदान
यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 जिलों की 69 सीटों पर 19 फरवरी को मतदान होगा। इसमें फरूखाबाद की चार, हरदोई की आठ, कन्नौज की तीन, मैनपुरी की चार, इटावा व औरया की तीन-तीन, कानपुर देहात की चार तथा कानपुर नगर की दस,उन्नाव की छह, लखनऊ की नौ, बाराबंकी की छह तथा सीतापुर की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। इन सीटों पर 105 महिलाओं समेत कुल 826 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें भाजपा के 68, अपना दल का एक, बसपा के 69, सपा के 61, कांग्रेस के 14,रालोद के 40, सीपीआई के छह और, सीपीएम के तीन प्रत्याशी चुनावी जंग लड़ रहे हैं। इनके अलावा 231 निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। तीसरे चरण में इन सीटों के प्रत्याशियों को 1.10 करोड़ 27390 महिलाओं समेत 2.41 करोड़ 67403 मतदाताओं के चक्रव्यूह को भेदने की चुनौती होगी।
अमीरों व दागियों का दबदबा
तीसरे चरण की 69 सीट पर कुल 826 प्रत्याशियों में 250 करोड़पतियों तथा 110 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले दागी उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। करोड़पति प्रत्याशियों में भाजपा ने 61, बसपा ने 56, सपा ने 51, रालोद ने 13, कांग्रेस ने सात लोगों को अपना प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है। जबकि 24 करोड़पति निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं 82 संगीन अपराधों में लिप्त नेताओं समेत दागी 110 प्रत्याशियों में बसपा और भाजपा ने 21-21, सपा ने 13, कांग्रेस व रालोद ने पांच-पांच ऐसे दागियों को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि संगीन अपराध वाले 82 प्रत्याशियों में बसपा के 16, भाजपा के 15, सपा के नौ, रालोद के चार, कांग्रेस के तीन प्रत्याशी शामिल हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों में भी 13 के खिलाफ संगीन मामले विचाराधीन हैं।
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दांव पर इन दिग्गजों की साख
तीसरे चरण में लखनऊ और आसपास के जिलों में होने वाले चुनाव को देखते हुए सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने सबसे ज्यादा मुलायम परिवार में हुए झगड़े का खामियाजा भुगतने का डर है। इसलिए लखनऊ और इटावा जिलों की सीटों को लेकर सपा की प्रतिष्ठा दांव पर है, जहां मुलायम की बहु अर्पणा यादव के अलावा परिवार के शिवपाल यादव और रिश्ते के भाई अनुराग यादव भी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं अखिलेश सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्रियों रविदास मेहरोत्रा, अभिषेक मिश्रा, अरविन्द सिंह गोप, फरीद महफूज किदवाई व राजा राजीव कुमार सिंह जैसों दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा की दल बदलकर आए बृजेश पाठक, रीता बहुगुणा जोशी की उम्मीदवारों के अलावा बेटे आशुतोष के लिए लालजी टंडन, प्रदेश महिला शाखा की अध्यक्ष स्वाति सिंह, पत्नी जयदेवी के लिए भाजपा सांसद कौशल किशोर के अलावा बसपा के पूर्व मंत्री आरके चौधरी के अलावा बेटे कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के लिए राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया की साख भी दांव पर है।
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