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शिक्षामित्र आखिर क्यों हैं अवैध: जानिए क्या कहता है हाई कोर्ट

12 सितंबर हाइकोर्ट के फैसले के मुख्य विन्दु-
1- शिक्षामित्र अस्थायी व संविदा कर्मी के पद पर नियुक्त किए गए। ऐसे में इन्हें कभी भी स्थायी नहीं किया जा सकता।
2-शिक्षामित्रों का चयन किसी पद के सापेक्ष नहीं हुआ, इसलिए रद्द हुआ है इन सबका समायोजन।
3-शिक्षामित्रों के लिए किए गए सरकार के सभी कार्य पूर्व नियोजित व दुर्भावनापूर्ण से भरे हैं।
4- शिक्षामित्रों की नियुक्ति में नहीं हुआ आरक्षण का अनुपालन नही किया गया।
5- इनकी नियुक्ति अधिकतर मामलों में जहां जिस जाति के ग्राम प्रधान थे, वहां उसी जाति के शिक्षामित्रों की नियुक्ति कर दी गई।
6 - शिक्षामित्रों को समायोजित करने के लिए अध्यापक सेवा नियमावली में किया गया संशोधन 16 ए अवैधानिक। इसलिए शिक्षामित्रों का
समायोजन अवैध।
7- राज्य सरकार ने केंद्र के नियमों को न मानकर अपने मनमाने तरीके से संशोधन किए, ऐसे में उनका समायोजन असंवैधानिक।
8- शिक्षामित्रों को सरकार ने कई तथ्य छिपाकर ट्रेनिंग कराई गई है, ऐसे में ट्रेनिंग अवैध और समायोजन भी है अवैध।
9- शिक्षामित्रों की नियुक्ति 11 माह के लिए की गई थी, जिसका प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण होता था, वह भी एकतरफा और पूर्व नियोजित थी।
10- शिक्षामित्र 1981 की नियमावली का पालन नहीं करते इसलिए वे टीईटी के योग्य ही नहीं हैं।
11- राज्य सरकार ने केंद्रीय आरटीई एक्ट 2009 में कानून के विपरीत जाकर संशोधन किए, जो असंवैधानिक है।
----और शिक्षामित्र समझते है,कि टेट से छूट मिलते ही वो सहायक अध्यापक बन जाएँगे।
धन्य हो प्रभु!!
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