तो भईया अब स्कूल आके पढ़ाना ही पड़ेगा मास्टर साहब को, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर हाजिरी के मामले में नकेल का नया तरीका

देशभर के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर हाजिरी के मामले में नकेल कसी जा रही है। तमाम वे शिक्षक जो जब चाहे गोल हो जाते थे और बाद में हाजिरी दर्ज कर देते थे, अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। क्योंकि केंद्र सरकार स्कूलों में रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम लाने की योजना बना रही है।
इसमें शिक्षकों के स्कूल आने-जाने की टाइमिंग की जांच होगी। शिक्षक ने कक्षा के दौरान कितना पढ़ाया है, छात्र को कितना समझ आया और होमवर्क के आधार पर शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। इस बारे में छात्रों व अभिभावकों से फीडबैक भी लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार को शिकायत मिल रही थी कि नो डिटेंशन पॉलिसी के चलते स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आई है। सबसे अधिक दिक्कत विभिन्न प्रदेश बोर्ड के सरकारी स्कूलों में थीं। शिक्षक आते भी क्लास में जाकर पढ़ाई नहीं करवा रहे थे। इसके समाधान के लिए रियल टाइम मॉनीटरिंग के तहत स्कूल में शिक्षकों की हाजिरी बॉयोमैट्रिक तरीके से होगी। प्रिंसिपल को कक्षाओं में जाकर क्रास चेक भी करना होगा।

संबंधित शिक्षा बोर्ड की जांच टीम औचक निरीक्षण भी करेंगी। इसके अलावा शिक्षक बनाने की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेजों (बीएड कॉलेज) से सरकार एफिडेविट में जानकारी लेगी, वे क्या पढ़ा रहे हैं। वे अपने कोर्स को किस प्रकार से तैयार करवाते हैं। शिक्षक बनने के बाद भी उनकी ट्रेनिंग कराई जाएगी। पढ़ाने के ढंग पर स्टूडेंट फीडबैक में शिक्षकों की कमियों को दूर करने पर भी काम होगा। समय-समय पर पाठ्यक्रम में भी बदलाव होगा, जिसे विशेषज्ञ तैयार करवाएंगे।

सौ टीमें लगेंगी सिस्टम बनाने में
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा स्मॉर्ट इंडिया हैकथॉन 2017 का आयोजन एक व दो अप्रैल होगा। इसमें देशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्र देशी तकनीक इजाद करेंगे। इसी में रियल टाइम मॉनेटरिंग सिस्टम की तकनीक बनाई जाएगी। इसके लिए करीब सौ टीमें 36 घंटे लगातार काम करेंगी।
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