सातवें वेतनमान से सरकारी बोझ बढ़ा, सरकार ने 6700 पदों की भर्ती पर रोक लगाई

वित्त वर्ष का पहला महीना बीतते ही सरकार ने खर्चों पर कसावट शुरू कर दी है। इसका सबसे ज्याद असर नौकरियों का इंतजार कर रहे बेरोजगारों पर पड़ता नजर आ रहा है।
वित्त विभाग ने स्थापना व्यय में कटौती करने के लिए नई भर्तियों पर एक साल के लिए रोक लगा दी है। वित्त संयुक्त सचिव सतीश पांडे ने आदेश जारी कर दिया है। इससे करीब 6700 पदों पर नियुक्तियां रुक गई हैं। यह रोक सभी विभागों के अलावे निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरणों के साथ विश्वविद्यालयों पर भी लागू रहेगी। साल 2017-18 के लिए पारित बजट में सरकार ने करीब 6900 पदों पर नई नियुक्तियों का फैसला किया था।
जुलाई से सातवां वेतनमान देने पर करीब 3000 करोड़ का वित्तीय भार आएगा। इसी तरह से 7 फीसदी डीए पर भी 450 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गौरतलब है कि राज्य में करीब 25 हजार पद रिक्त हैं।
डीए व जीएसटी का भी दबाव
सातवें वेतनमान के रुप में करीब 3000 करोड़ का भार। इससे पहले 7 फीसदी डीए भुगतान के लिए 450 करोड़ का इंतजाम। जुलाई से जीएसटी लागू होने पर 2000 करोड़ का नुकसान।
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