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शिक्षामित्र के प्रशिक्षण का दायित्व ही SCERT का: आरटीई एक्ट

शिक्षामित्र प्रशिक्षण के सम्बंध में एक sc की दया पर नोकरी कर रहे (नटिया) बीएड टेट जमूरे की पोस्ट देखी।
सोचा हमारे साथी किसी भ्रम में न पड़ें और उसे भी अपने वरिष्ठ साथियों से कुछ ज्ञान मिल जाये इस लिए ये पोस्ट लिख रहा हूँ।
सर्वप्रथम और सर्व स्वीकार्य तथ्य ये है कि हाई कोर्ट ने शिक्षामित्र प्रशिक्षण पर यथा स्थिति का आदेश जारी किया और शिक्षामित्र प्रशिक्षण सुप्रीम कोर्ट की बहस का मुद्दा नही था। तथापि कुछ कुकरमुत्तों ने अपने कुत्सित प्रयास से और कुतर्कों से इसे कोर्ट के समक्ष रखा।
इस मुद्दे पर मिशन सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरटीई एक्ट के अधीन और एनसीटीई के दस्तावेज़ों के आधार पर मुकम्मल जवाब और मुंह तोड़ जवाब दिया गया है।
आइये एक बानगी देखिये:-
आरटीई एक्ट की धारा 29 के अधीन एससीईआरटी अकादमिक अथॉरिटी है, जैसे एनसीटीई।। इस एससीईआरटी का दायित्व है सभी कार्यरत शिक्षकों की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था करना उसका पाठ्यक्रम तैयार कर ट्रेनिंग करवाना।
वहीं एक्ट की धारा 23(2) के अधीन निर्मित उत्तर प्रदेश  आरटीई नियमावली की धारा 17 में इन्ही अप्रशिक्षित शिक्षकों (शिक्षामित्रों) को 5 वर्ष में प्रशिक्षित करने का प्रावधान किया गया जिसे हाल ही में आरटीई एक्ट संशोधन 2017 के तहत बढ़ा कर 2019 तक कर दिया गया है। और इसे साफ तौर पर लिख भी दिया है।
उपरोक्त दोनों तथ्यों से ही ट्रेनिंग मामले में किसी तरह की उंगली उठाने की संभावना खत्म हो जाती है। लेकिन जिसे पिटने का डर हो वो तो कुछ भी बताएगा ही अपने टेट साथियों। आखिर उसके धंधे का सवाल है।
©रबी बहार, केसी सोनकर और साथी।।
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