UPTET: सबसे बड़ा अगर कोई विवादित मुद्दा है तो वो है बेस ऑफ़ सिलेक्शन

सबसे बड़ा अगर कोई विवादित मुद्दा है तो वो है बेस ऑफ़ सिलेक्शन , और उसकी सुनबाई और हल हेतु जो 4 क्वेश्चन फ्रेम दीपक मिश्रा जी ने निर्धारित किये थे उन्ही पर कोई विस्तृत सुनबाई नहीं हुई , हुआ ये कि जब समय आया 2 नवम्बर के उपरांत तो फिर एक मुद्दा sm और जुड़ चुका था  , इधर अभी बेस पर सुनबाई ही नहीं हुई थी
ढंग से , फिर दीपक मिश्रा जी ने 7 दिसम्बर को उन्ही ऑन पेपर याचियों को लड़ने वाला समझ कर उन्हें याची लाभ से संतुष्ट कर दिया , पर बाद की स्थिति शायद वो नहीं समझ पाए , कि यंहा तो बहुत पीड़ित हैं , फिर जो  डेढ़ साल कुछ न समझ पाने की स्थिति मे डेट पर डेट , हुआ फिर ये कि ये केस गोयल और ललित सर की बेंच मे  डिसाइड हेतु ट्रांसफर हुआ , औऱ फिर जिस तरह से त्वरित सुनबाई हुई और sm को ही सबसे ज्यादा सुना गया , जिसमे बेस की जो विस्तृत सुनबाई होनी चाहिए थी वो नहीं हुई , हाँ अगर उन 4 क्वेश्चन फ्रेम पर सुनबाई होती तो सभी जो ncte की विवादित गाइडलाइन्स और उसके सारे विवादित अंश की सुनबाई होती , जो मिश्रा जी ने बनाये थे , पर बेस की सुनबाई 19 को मात्र ncte से एफिडेविट मांग कर पूरी कर ली गयी , पर क्या वही हुआ ncte ने जो पूर्व मे बात कही थी वही बात अब कह दी , उसने कोई स्पस्टीकरण कहाँ दिया  , वही मैं कह रहा हूं , ये काम शायद स्वयं गोयल और ललित सर ncte के एफिडेविट को पढ़कर करें , और वही डिसाइड करेंगे कि सही बेस क्या है , और मुख्य मुद्दा भी यही बेस है , अभी कोई नहीं जीता न गुणांक न टेट , हो सकता है , उनोहने पहले ही कोई हल सोच लिया हो , सुनबाई तो मात्र फॉर्मेलिटी थी । इसीलिए बेस का मुद्दा गौड़ हो गया हो , उनके दिमाग मे सब चीज़ है , उन्हें ये भी पता है कि 839 किस तरह नियुक्त हुए हैं , और ये मुद्दा 19 को उठा भी  , अब देखने वाली बात होगी कि वो इससे अधिक मेरिट वाले को किस तरह लाभ दें , वर्ना बेस का मुद्दा रिव्यु मे फिर जाएगा और वही 4 क्वेश्चन फ्रेम फिर जिन्दा होंगे , और उनकी विस्तृत सुनबाई करनी ही पड़ेगी यही सच है , अभी ऑर्डर आए फिर आप देखना यही बातें सच होंगी , कंही न कंही इसी टेट मेरिट पर वो व्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे , ऐसा मेरा मन कह रहा ।

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