जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के इंटर और हाईस्कूल के विद्यालयों
में गुणवत्ता परक शिक्षा पर जोर होगा। यह कहना है नवनियुक्त जिला विद्यालय
निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा का।
शनिवार को पदभार ग्रहण करने के बाद वह अपने कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत से कम परीक्षाफल देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। राजकीय इंटर कॉलेजों और सहायता प्राप्त इंटर कालेजों के प्रबंधकों से ऐसे विषय के शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिए कहा जाएगा जिनकी कक्षाओं में छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाएं समय से पहुंचे इसके लिए औचक निरीक्षण का क्रम संपूर्ण सत्र में जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कम छात्र-छात्राओं वाली कक्षाओं में शिक्षकों को ट्यूशन की भांति बच्चों को पढ़ाना होगा। स्कूल खुलने के बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रधानाचार्यो की बैठक में होगी। बैठक में समिति का गठन किया जाएगा, जो स्कूल-कॉलजों का भ्रमण कर खराब परीक्षा परिणाम की समीक्षा करेगी। नए सत्र से बॉयोमीट्रिक्स से सुबह शाम शिक्षकों की उपस्थिति होगी। शिक्षण के दौरान कक्षा में शिक्षक-शिक्षिकाएं भाषा और गणित की पुस्तकें छोड़कर कोई भी पाठ्यसामग्री नहीं ले जा पाएंगे। साथ ही लेसन प्लान के हिसाब से पढ़ाई करानी होगी। कक्षा में जाने से पहले उन्हें संबंधित पाठ का स्वअध्ययन करना होगा। कॉलेज के प्रधानाचार्य इसको सुनिश्चित कराएंगे। लेक्चर मेथड से शिक्षकों को पढ़ाना होगा। सह जिला विद्यालय निरीक्षकों के स्थान खाली हैं। सहायकों की नियुक्ति के लिए शासन को लिखा जा रहा है।
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शनिवार को पदभार ग्रहण करने के बाद वह अपने कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत से कम परीक्षाफल देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। राजकीय इंटर कॉलेजों और सहायता प्राप्त इंटर कालेजों के प्रबंधकों से ऐसे विषय के शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिए कहा जाएगा जिनकी कक्षाओं में छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाएं समय से पहुंचे इसके लिए औचक निरीक्षण का क्रम संपूर्ण सत्र में जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कम छात्र-छात्राओं वाली कक्षाओं में शिक्षकों को ट्यूशन की भांति बच्चों को पढ़ाना होगा। स्कूल खुलने के बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रधानाचार्यो की बैठक में होगी। बैठक में समिति का गठन किया जाएगा, जो स्कूल-कॉलजों का भ्रमण कर खराब परीक्षा परिणाम की समीक्षा करेगी। नए सत्र से बॉयोमीट्रिक्स से सुबह शाम शिक्षकों की उपस्थिति होगी। शिक्षण के दौरान कक्षा में शिक्षक-शिक्षिकाएं भाषा और गणित की पुस्तकें छोड़कर कोई भी पाठ्यसामग्री नहीं ले जा पाएंगे। साथ ही लेसन प्लान के हिसाब से पढ़ाई करानी होगी। कक्षा में जाने से पहले उन्हें संबंधित पाठ का स्वअध्ययन करना होगा। कॉलेज के प्रधानाचार्य इसको सुनिश्चित कराएंगे। लेक्चर मेथड से शिक्षकों को पढ़ाना होगा। सह जिला विद्यालय निरीक्षकों के स्थान खाली हैं। सहायकों की नियुक्ति के लिए शासन को लिखा जा रहा है।
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