मैं समायोजित शिक्षामित्रों के प्रकरण को एक अलग दृष्टि से देखता हूँ।मुझे लगता है ये कानून और न्... मैं समायोजित शिक्षामित्रों के प्रकरण को एक अलग दृष्टि से देखता हूँ।
इस मामले में शिक्षामित्रों का दोष कहाँ है ? संविधान की शपथ लेने वाली सरकार की तरफ से अगर कोई गलती हुई है तो क्या इसकी सजा शिक्षामित्रों को मिलनी चाहिए? कप्तान को आप छोड़ देंगे और बाकियों को सूली पर लटका देंगे। ये कहाँ का इंसाफ होगा? पद और पैसा किसे अच्छा नहीं लगता। किसी को ख़जूर पर बिठाकर आप जमीन पर नहीं पटक सकते !
पन्द्रह वर्षों से भी अधिक समय से लगातार काम करने वाले इन लोगों को आप उम्र के इस पड़ाव पर घर नहीं बिठा सकते। ऐसा करना इनके मान सम्मान और स्वाभिमान के साथ क्रूर मजाक होगा।इनके विरुद्ध होने वाले फैसले से क़ानून की जीत हो सकती है पर निश्चय ही ये न्याय की एक बड़ी हार होगी। मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि लाखों प्रतिभाशाली युवाओं का हक़ मारा गया है पर इसके लिए ये लोग ज़िम्मेदार नहीं हैं।वोट की राजनीति इन सारी समस्याओं की जड़ में हैं। कार्यपालिका के कृत्यों और गुनाहों के लिए इतने परिवारों को मानसिक और आर्थिक आघात पहुँचाना एक तरह का JUDICIAL MUDER होगा।उच्चतम न्यायालय को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 की शक्तियों का प्रयोग इस वाद में करना चाहिए। कार्यपालिका को भविष्य के लिए हिदायत देते हुए इसमें समायोजित शिक्षामित्रों को राहत दी जानी चाहिए। ये मेरी निजी राय है। मेरी शुभकामनायें समायोजित शिक्षकों के साथ हैं। चंद्रशेखर यादव स्वतंत्र विचारक ये लेखक के निजी विचार हैं |
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- शिक्षामित्रों के फैसले की तारीख फिर टली: 7 जुलाई तक की एडवांस कॉज़ लिस्ट जारी, केस लिस्ट नही हुआ, 5 से 10 जुलाई तक फैसला आने की उम्मीद नही
- अब शिक्षामित्र केस का निर्णय मा० ललित साहब के ऊपर ही सबसे ज्यादा निर्भर : हिमांशु राणा
- अंतिम आदेश 3 जुलाई तक संभव नहीं , तत्पश्चात एक सप्ताह के अंदर आने की सम्भावना प्रबल : द्विवेदी विवेक
- एलटी ग्रेड भर्तियां चयन बोर्ड के हवाले, शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली में भी बदलाव
- बीटीसी प्रशिक्षित एवं टीईटी पास ने शिक्षक भर्ती पर लगी रोक हटाने की मांग कर डिप्टी सीएम को सौंपा ज्ञापन
- बेसिक के 66 हजार शिक्षक मा. स्कूलों में होंगे समायोजित: डिप्टी सीएम
इस मामले में शिक्षामित्रों का दोष कहाँ है ? संविधान की शपथ लेने वाली सरकार की तरफ से अगर कोई गलती हुई है तो क्या इसकी सजा शिक्षामित्रों को मिलनी चाहिए? कप्तान को आप छोड़ देंगे और बाकियों को सूली पर लटका देंगे। ये कहाँ का इंसाफ होगा? पद और पैसा किसे अच्छा नहीं लगता। किसी को ख़जूर पर बिठाकर आप जमीन पर नहीं पटक सकते !
पन्द्रह वर्षों से भी अधिक समय से लगातार काम करने वाले इन लोगों को आप उम्र के इस पड़ाव पर घर नहीं बिठा सकते। ऐसा करना इनके मान सम्मान और स्वाभिमान के साथ क्रूर मजाक होगा।इनके विरुद्ध होने वाले फैसले से क़ानून की जीत हो सकती है पर निश्चय ही ये न्याय की एक बड़ी हार होगी। मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि लाखों प्रतिभाशाली युवाओं का हक़ मारा गया है पर इसके लिए ये लोग ज़िम्मेदार नहीं हैं।वोट की राजनीति इन सारी समस्याओं की जड़ में हैं। कार्यपालिका के कृत्यों और गुनाहों के लिए इतने परिवारों को मानसिक और आर्थिक आघात पहुँचाना एक तरह का JUDICIAL MUDER होगा।उच्चतम न्यायालय को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 की शक्तियों का प्रयोग इस वाद में करना चाहिए। कार्यपालिका को भविष्य के लिए हिदायत देते हुए इसमें समायोजित शिक्षामित्रों को राहत दी जानी चाहिए। ये मेरी निजी राय है। मेरी शुभकामनायें समायोजित शिक्षकों के साथ हैं। चंद्रशेखर यादव स्वतंत्र विचारक ये लेखक के निजी विचार हैं |
- योगी सरकार ने वायदे पूरे न किए तो भुगतने होंगे नतीजे, शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने दिखाई ताकत
- आवास भत्ते में होगी है 33,000 तक की बढ़ोतरी, राज्य कर्मचारियों ने भी मांगे केंद्र जैसे भत्ते
- 5 जुलाई को आर्डर ऐसे आयेगा ... 72825 के पद सुरक्षित है , सभी एकेडमिक से हुई नियुक्तियां रद्द , सभी शिक्षा मित्रो की नियुक्तियां रद्द
- 5 जुलाई को फाईनल आदेश सार्वजनिक बहुआयामी व कल्याणकारी होगा , सभी का भविष्य सुरक्षित
- फैसला 5 जुलाई को , सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रों को लेकर फ़ाइल की गई एसएलपी की व्याख्या
- शिक्षामित्रों के भविष्य का बहुप्रतीक्षित फैसला 5 जुलाई को आदर्श कुमार गोयल और उदय उमेश ललित जी के चैम्बर में
- सुप्रीम कोर्ट का 5 जुलाई को फाइनल संभावित आर्डर
- शिक्षामित्र पर 5 जुलाई को सुप्रीमकोर्ट फैसले का इनपुट
- पदोन्नति के इन्तजार में सेवानिवृत्त न हो जाएँ शिक्षक
- 25 अगस्त 2010 से पूर्व शिक्षामित्र संविदा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे: हिमांशु राणा
- सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के परिपेक्ष्य में बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के लीडर मयंक तिवारी की पोस्ट
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