4010 दारोगा भर्ती में दोबारा ग्रुप डिस्कशन पर जवाब तलब: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से मांगा जवाब

 इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षकों (दारोगा) के 4010 पदों पर 2011 में हुई भर्ती के मामले में चयनित अभ्यर्थियों को दोबारा ग्रुप डिस्कशन के लिए बुलाए जाने पर प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने पूछा है कि ग्रुप डिस्कशन में वाइटनर और ब्लेड का इस्तेमाल करने वाले 2070 अभ्यर्थियों को किस आधार पर बुलाया गया है?|
 याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। 1अमित सिंह
और 18 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने दिया है। याचिका में कहा गया है कि 2011 में पुलिस उप निरीक्षक और पीएसी में प्लाटून कमांडेंट की चयन सूची हाईकोर्ट ने रद कर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था। इसमें वाइटनर का प्रयोग करने वाले 2880 अभ्यर्थियों को बाहर कर संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश था। इस आदेश के खिलाफ 810 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने वाइटनर के प्रयोग को गलत माना, लेकिन याची 810 अभ्यर्थियों को अपवाद स्वरूप भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया। 1इस बीच हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गलत आरक्षण लागू करने के आधार पर परिणाम रद कर दिया था तथा संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया था। पुलिस भर्ती बोर्ड ने जब संशोधित परिणाम जारी किया तो उसमें वाइटनर का इस्तेमाल करने वाले सभी 2070 अभ्यर्थी भी शामिल कर लिए गए और सभी को ग्रुप डिस्कशन के लिए बुला लिया गया।1याची के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभूराम का कहना था कि वाइटनर लगाने वालों की नियुक्ति रद हो चुकी है। इनको ग्रुप डिस्कशन में बुलाने से मेरिट बदल गई जिससे बहुत से पात्र अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश वाइटनर का इस्तेमाल करने वाले मात्र 810 अभ्यर्थियों को शामिल करने का था।

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