शिक्षामित्र बाहर हुए तो बिगड़ जाएगा अनुपात, पद से हटाया तो 84 छात्र-छात्रओं को जिले में पढ़ाएगा एक शिक्षक या शिक्षिका

बदायूं : सुप्रीम कोर्ट के समायोजन रद करने के फैसले के बाद से शिक्षामित्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। तो वहीं बेसिक शिक्षा विभाग को भी व्यवस्था बनाए रखने की चिंता होने लगी है।
शिक्षामित्रों का समायोजन से शासन के इंकार करने पर स्थिति भयावह हो जाएगी। छात्र-शिक्षक अनुपात एक दम गिर जाएगा। अगर इन्हें बाहर किया गया तो दो लाख 36 हजार 886 छात्र-छात्रओं को 2816 शिक्षक-शिक्षिकाएं पढ़ाएंगे। अनुपात 84 बच्चों पर एक शिक्षक या शिक्षिका का हो जाएगा।1जिले में समायोजित 2727 समायोजित शिक्षामित्रों को मिलाकर 5543 शिक्षक-शिक्षिकाएं सेवाएं दे रहे हैं। जिनके ऊपर दो लाख 36 हजार 886 छात्र-छात्रओं को पढ़ाने का जिम्मा है। समायोजित होने से शेष रह गए शेष 267 शिक्षामित्र भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस प्रकार छात्र-शिक्षक अनुपात 43 है यानि 43 बच्चों का एक शिक्षक पढ़ा रहा है। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का समायोजन रद करने का फैसला आया। जिसमें समायोजित शिक्षामित्रों को शिक्षक न बनाए जाने की बात कही गई है। भविष्य के लिए राज्य सरकार को नियमानुसार फैसला लेने को निर्देशित दिया है। फैसले के बाद से समायोजित शिक्षामित्रों ने विद्यालय जाना बंद कर दिया है। ज्यादातर विद्यालयों में ताला लग गया है। शासन ने इन्हें शिक्षक पद से हटाया तो अनुपात दोगुना हो जाएगा। शेष बचे शिक्षक-शिक्षिकाएं ही बच्चों को पढ़ाएंगे। अनुपात 84 बच्चों पर एक शिक्षक का हो जाएगा। बहुत से विद्यालयों में ताले लटके नजर आएंगे। आरटीइ का मानक पूरी तरह से फेल हो जाएगा।’>>दो लाख 36 हजार 886 बच्चों को पढ़ा रहे 5543 शिक्षक-शिक्षिकाएं1’>>पद से हटाया तो 84 छात्र-छात्रओं को पढ़ाएगा एक शिक्षक या शिक्षिका


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