लखनऊ:- विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षामित्रों को अगर पूर्व यूपी सरकार की गलत नीतियों के कारण हाईकोर्ट की तरह सुप्रीम कोर्ट से भी झटका मिलता है!
बिश्वस्व सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी एवं योगी की सरकारे मिलकर इस रणनीति को अंतिम रूप भी दे चुकी हैं। जिसके सन्दर्भ मे पिछले सप्ताह दिल्ली मे एक बैठक भी हो चुकी है! जिसमे यूपी सरकार व केन्द्र सरकार के बडे अधिकारियों के साथ साथ दोनो सरकारों के महाधिवक्ताओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे थे!ताकि शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद आपात स्थिति मे शिक्षामित्रों को विकट स्थित से बचाकर उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके और शिक्षामित्रों कोई अप्रिय कदम न उठाये। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर योगी सरकार न्यायालय के फैसले के बाद लखनऊ मे एक प्रेंस कान्फेन्स करेगी! साथ ही जिला स्थर पर प्रभारी मंत्रियों व जनपदीय प्रतिनिधियों को इस सम्बन्ध मे दिशा निर्देश जारी करेगी! मिली जानकारी के अनुसार शिक्षामित्रों को सरकार विद्यालय समन्वयक बनाकर विद्यालय के शिक्षण कार्य के इतर सम्पूर्ण दायित्व सौंप देगी और यह समन्वयक के रुप मे ग्राम पंचायत मे अभिभावक, शिक्षक व बच्चों के मध्य सेतु के रुप में कार्य करेगें।उनको वेतन प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के समान निर्धारित करने की योजना बनाई गई हैं। इनके समन्वयक बनाये जाने से शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्यो से मुक्त करने की सरकार व न्यायालय की मंशा भी पूरी हो सकेगी और शिक्षकों से अन्य कार्यो का बोझ हटाने में मदद मिल जायेगा और सरकारी स्कूलों की शिक्षा में क्रातिंकारी परिवर्तन लाने में मदद मिल सकेगा। शिक्षकों को अन्य कार्यो का बहाना बनाकर स्कूलों से गायब रहनें की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी। शिक्षामित्रों को इस पद पर नियुक्ति करने का आधार उनके विद्यालयी कार्य के दीर्घ अनुभव को बनाया जायेगा साथ ही ग्राम पंचायत के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के संचालन का सम्पूर्ण दायित्व इन्ही शिक्षामित्रों को सौपा जा सकता है। सूत्र के मुताबिक केंद्र व राज्य के मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा दो दिन के मंथन मे यह विकल्प निकाला गया है। सरकार की इस मंशा को शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधि मण्डल से भी हरि झंडी दिलाने की तैयारी की जा रही है! जिसके लिये कोर्ट के फैसले के तुरन्त बाद योगी सरकार पूर्व मे मिले शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मण्डल को आमन्त्रित करेगी!
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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बिश्वस्व सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी एवं योगी की सरकारे मिलकर इस रणनीति को अंतिम रूप भी दे चुकी हैं। जिसके सन्दर्भ मे पिछले सप्ताह दिल्ली मे एक बैठक भी हो चुकी है! जिसमे यूपी सरकार व केन्द्र सरकार के बडे अधिकारियों के साथ साथ दोनो सरकारों के महाधिवक्ताओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे थे!ताकि शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद आपात स्थिति मे शिक्षामित्रों को विकट स्थित से बचाकर उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके और शिक्षामित्रों कोई अप्रिय कदम न उठाये। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर योगी सरकार न्यायालय के फैसले के बाद लखनऊ मे एक प्रेंस कान्फेन्स करेगी! साथ ही जिला स्थर पर प्रभारी मंत्रियों व जनपदीय प्रतिनिधियों को इस सम्बन्ध मे दिशा निर्देश जारी करेगी! मिली जानकारी के अनुसार शिक्षामित्रों को सरकार विद्यालय समन्वयक बनाकर विद्यालय के शिक्षण कार्य के इतर सम्पूर्ण दायित्व सौंप देगी और यह समन्वयक के रुप मे ग्राम पंचायत मे अभिभावक, शिक्षक व बच्चों के मध्य सेतु के रुप में कार्य करेगें।उनको वेतन प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के समान निर्धारित करने की योजना बनाई गई हैं। इनके समन्वयक बनाये जाने से शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्यो से मुक्त करने की सरकार व न्यायालय की मंशा भी पूरी हो सकेगी और शिक्षकों से अन्य कार्यो का बोझ हटाने में मदद मिल जायेगा और सरकारी स्कूलों की शिक्षा में क्रातिंकारी परिवर्तन लाने में मदद मिल सकेगा। शिक्षकों को अन्य कार्यो का बहाना बनाकर स्कूलों से गायब रहनें की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी। शिक्षामित्रों को इस पद पर नियुक्ति करने का आधार उनके विद्यालयी कार्य के दीर्घ अनुभव को बनाया जायेगा साथ ही ग्राम पंचायत के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के संचालन का सम्पूर्ण दायित्व इन्ही शिक्षामित्रों को सौपा जा सकता है। सूत्र के मुताबिक केंद्र व राज्य के मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा दो दिन के मंथन मे यह विकल्प निकाला गया है। सरकार की इस मंशा को शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधि मण्डल से भी हरि झंडी दिलाने की तैयारी की जा रही है! जिसके लिये कोर्ट के फैसले के तुरन्त बाद योगी सरकार पूर्व मे मिले शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मण्डल को आमन्त्रित करेगी!
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