कम वेतन मंजूर नहीं: शिक्षामित्र: कहा-अभी तक 37 हजार से अधिक पा रहे थे वेतन, ऐसे में दस हजार बहुत कम

लखनऊ : लक्ष्मण मेला मैदान में धरना प्रदर्शन के लिए कोई शिक्षामित्र अपने परिवार के साथ आया था तो कोई अपने बच्चे पड़ोसी के भरोसे छोड़कर आया था।
बुधवार को प्रदर्शन का तीसरा दिन था, ऐसे में सभी परेशान थे
कि आखिर उनका भविष्य क्या होगा? यहां प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने कहा कि अभी तक उन्हें शिक्षक के तौर पर पढ़ाने पर प्राइमरी स्कूल में 37993 रुपये मासिक वेतन मिलता था, ऐसे में अब सरकार कह रही है कि दस हजार रुपये देगी तो खर्चा कैसे चल पाएगा। कई शिक्षामित्रों ने यह भी कहा कि समाज में लोगों के ताने सुनकर भी तंग हैं। कहां शिक्षक थे और अचानक ऐसा भूचाल आया कि सब बिखर गया। पेश है शिक्षामित्रों से बातचीत।जासं, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के पहले शिक्षा मित्रों की गिरफ्तारी को लेकर दिन भर गहमागहमी बनी रही। प्रशासन ने धरना स्थल से कुछ दूर पर बसें भी जमा कर रखी थीं। बारिश के बावजूद शिक्षा मित्र धरना स्थल पर जमे रहे। 1शिक्षामित्रों ने बुधवार से जेल भरो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी, ऐसे में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही सक्रिय हो गए। धरना स्थल पर करीब 20 एंबुलेंस भेज दी गईं और लगभग 200 बसों का इंतजाम कर लिया गया। दोपहर करीब दो बजे से गिरफ्तारी शुरू होनी थी, लेकिन इसी बीच सीएम की ओर से वार्ता के लिए संदेश आया। सीएम से वार्ता करने के लिए उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला, संरक्षक शिव कुमार शुक्ला व आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही सहित आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। शाम चार बजे इन्हें पांच कालिदास मार्ग पर वार्ता के लिए समय दिया गया, लेकिन इसके बाद करीब सवा चार बजे इन्हें एनेक्सी ले जाया गया। यहां करीब डेढ़ घंटे तक सीएम योगी आदित्यनाथ व शासन के अधिकारियों के साथ इस प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की। 1 प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शिक्षामित्र दस हजार रुपये मासिक मानदेय दिए जाने और भर्ती में 25 अंक का वेटेज दिए जाने की राज्य सरकार की घोषणा से संतुष्ट नहीं है। वह मांग कर रहे हैं कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन किया जाए और नया अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाए। समान पद व समान वेतन दिया जाए। फिलहाल सीएम ने आश्वासन दिया कि वह इस पर विचार करेंगे। शाम करीब सात बजे सीएम से मिलने के बाद धरना स्थल पहुंचकर प्रतिनिधिमंडल ने वहां मौजूद शिक्षामित्रों से कहा कि राज्य सरकार का रुख सकारात्मक है, ऐसे में धरना स्थगित किया जा रहा है।धरना समाप्त होने के बाद चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में बैठे शिक्षामित्र
शिक्षामित्रों की गिरफ्तारी को लेकर धरना स्थल पर रही अफरातफरी
20 एंबुलेंस व 200 बसों का किया गया था इंतजाम
हमें अभी तक 37993 रुपये वेतन मिल रहा था। अब दस हजार रुपये ही वेतन मिलेगा। ऐसे में खर्चे पूरे नहीं हो पाएंगे। सरकार चाहे तो नया अध्यादेश लाकर हमें राहत दे सकती है।1- राजीव गंगवारवर्ष 2000 में शिक्षामित्रों की भर्ती हुई थी। 17 साल से वह अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं, लेकिन उन पर बराबर तलवार लटकी हुई है। कोई तरीका निकालकर शिक्षक बनाया जाए।1- बीनू सिंहअगर राज्य सरकार 1.72 लाख शिक्षामित्रों के भविष्य पर गंभीरता से विचार करे तो हमें राहत जरूर मिल जाएगी। मगर अधिकारी हर बार कोई न कोई पेच फंसा देते हैं।1- प्रीति सिंहगांव में लोग ताने दे रहे हैं कि तुम्हे हर सरकार ने बेवकूफ बनाया। अब सिर पर तलवार लटक गई है। वेतन कितना मिलेगा यह तो अभी तय नहीं, लेकिन समाज में किरकिरी हो रही है।1- सुनील कुमार

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